MP News: वन माफिया की दहशत लगातार बढ़ती जा रही है. पहले ये वन क्षेत्र में मौके पर वनकर्मियों पर हमले करते थे लेकिन अब माफिया वन कर्मियों और रेंजर के घरों में घुसकर हमले करने लगे हैं. हाल ही में शहडोल जिले में रेंजर के घर में घुसकर मारपीट का मामला सामने आया है. पिछले दस महीने में करीब दो दर्जन से अधिक हमले वनकर्मियों पर हुए हैं.
अपराधियों पर लगे राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, सुरक्षा के लिए मिले बंदूक- वनकर्मी
ज्यादातर माफिया लकड़ी की अवैध कटाई, अवैध उत्खनन, वन्य जीवों की तस्करी और शिकार में शामिल होते हैं. मध्य प्रदेश वन कर्मचारी मंच की तरफ से राज्य सरकार से मांग की है कि वन अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमला करने वाले अपराधियों के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की कार्रवाई की जाए. मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाएं. सुरक्षा उपकरण और लाइसेंस समेत बंदूक प्रदान की जाएं.
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निशाने पर हैं रेंजर और नाकेदार
वन माफिया के निशाने पर रेंजर और नाकेदार हैं. शहडोल, अनूपपुर, बालाघाट समेत अन्य वन क्षेत्रों में अवैध कटाई रोकने के कारण वन माफिया और रेंजरों तथा नाकेदारों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं. मुरैना, भिंड, ग्वालियर में उत्खनन करने से रोकने पर माफिया इन पर हमले करते हैं. धार, डिंडोरी, बड़वानी, अलीराजपुर, शहडोल, कटनी, रायसेन, सीहोर और विदिशा में वन भूमि पर अतिक्रमण करने वाले वनकर्मियों और रेंजर पर हमले करते हैं.
इस साल कब-कब वनकर्मियों पर हुए हमले
21 फरवरी: अनूपपुर जिले में रेंजर विवेक और स्टाफ पर सर्चिंग के दौरान वन माफिया ने हमला किया.
14 जून: भोपाल जिले में नजीराबाद के ढैईया इलाके में वन अमले पर 20 से 25 वन माफिया ने हमला किया था.
13 जुलाई: अनूपपुर जिले में रेंजर से अतिक्रमणकारियों ने मारपीट की.
2 सितंबर: सिंगरौली जिले में वनरक्षक शीतल सिंह की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई.