MP News: गैस पीडितों का आर्थिक पुनर्वास सबसे जरूरी है. इसी आवश्यकता के आलोक में राज्य सरकार गैस पीडितों एवं उनके आश्रितों के हित में बड़ा कदम उठाने जा रही है. जनजातीय कार्य लोक परिसम्पति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह की पहल पर गैस पीड़ितों के आर्थिक पुनर्वास के लिए उन्हें स्व-रोजगार से जोड़कर विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है.
मंत्री डॉ. शाह ने विभागीय अधिकारियों को गैस पीडित 1000 महिलाओं को सिलाई-बुनाई का प्रशिक्षण, 100 युवाओं को भारी वाहन जैसे ट्रक, जेसीबी, पोकलेन, वाईब्रेटर, रोड रोलर आदि के संचालन के लिये ड्रायवर प्रशिक्षण एवं करीब 200 हितग्राहियों को एक साल का पैरामेडिकल कोर्स कराने की योजना तैयार करने के निर्देश दिये थे. विभागीय मंत्री के निर्देश पर अधिकारियों ने जनजातीय कार्य विभाग के अधीन प्रशिक्षण संस्था मध्यप्रदेश रोजगार एवं प्रशिक्षण परिषद (मैपसेट) को गैस पीडितों/आश्रितों को प्रशिक्षण देने की कार्ययोजना बनाकर देने को कहा जिसके बाद मैपसेट में प्रशिक्षण की समग्र कार्य योजना बनाकर अपना प्रस्ताव दिया है. मैपसेट ने हर साल 250-250 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर 4 साल में 1000 महिलाओं को प्रशिक्षित करने का प्रस्ताव दिया है. युवाओं को 6 महीने से लेकर 1 साल तक के कोर्स कराये जायेंगे. इससे उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे.
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मैपसेट द्वारा दिये गये योजना प्रस्ताव के अनुसार गैस पीड़ित परिवारों के बेरोजगार युवाओं को भारत सरकार एवं राज्य सरकार की संस्थाओं व चयनित प्रतिष्ठित संस्थाओं के जरिये कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण में सफल युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा. यह प्रशिक्षण सिर्फ भोपाल गैस पीडित परिवारों के आश्रितों/युवाओं के लिये होगा और पूर्णतः नि:शुल्क होगा. प्रशिक्षण के लिये युवाओं को मोबलाईज कराकर इच्छुक/चयनित उम्मीदवारों का प्रशिक्षण कराया जायेगा. प्रशिक्षण की मॉनिटरिंग ऑनलाइन पोर्टल के जरिये की जायेगी. प्रशिक्षण कौशल विकास उन्नयन मंत्रालय के मापदण्डों के अनुरूप योग्य एवं अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा दिया जायेगा. मैपसेट ने समग्र रूप से 12400 हितग्राहियों को प्रशिक्षण देने की कार्य योजना दी है. मैपसेट ने प्रशिक्षण पर व्यय के लिये समुचित धनराशि आवंटित करने की मांग की है. प्रशिक्षण व्यय राशि मिलते ही लक्षित समूह को प्रशिक्षण प्रारंभ किया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि गैस पीडित परिवारों की 1000 महिलाओं को सिलाई-बुनाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया जायेगा. आठवीं कक्षा पास करीब 100 युवाओं को भारी वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा. पढ़े-लिखे 200 युवाओं को कम्प्यूटर ऑपरेटिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की मरम्मत की ट्रेनिंग सहित इलेक्ट्रीशियन का कोर्स कराने की योजना है. युवतियों को 6 महीने और एक वर्ष के पैरा मेडिकल व अन्य कोर्सेस कराये जायेंगे.
भोपाल गैस पीड़ितों, उनके आश्रितों व युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके लिए स्थायी रोजगार/स्व-रोजगार सुनिश्चित करने की दिशा में राज्य सरकार की यह पहल पीडितों के कल्याण की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. सरकार की इस बड़ी पहल के अच्छे परिणाम जल्द ही सामने आयेंगे.