MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने आबकारी नीति में पिछले दिनों परिवर्तन किया है. अब मध्य प्रदेश में 15 फीसदी अधिक राशि देकर शराब ठेकेदार दुकान ले पाएंगे. इसके साथ ही सरकार ने एक और बड़ा फेरबदल भी किया है. जिसमें चेक और डीडी के बजाय शराब ठेकेदारों को सरकार के खजाने में सीधे रकम जमा करनी होगी.
यानी कि अब सरकार को शराब ठेकेदार करोड़ों रुपए का चूना नहीं लगा पाएंगे. इसके पीछे की वजह है कि पिछले साल पांच जिलों में शराब ठेकेदारों ने विभाग के कुछ अधिकारियों के साथ मिली भगत कर फर्जी डीडी जमा कर दुकानें ले ली थीं. इससे सरकार को करीब 100 करोड़ को नुकसान हुआ था. सरकार नुकसान से सबक लेते हुए अब बैंक गारंटी के तौर पर ई-बीजी जमा कराएगी.
कुछ दिनों के अंदर सरकार 52 जिलों में कंपोजिट दुकानों की नीलामी करने जा रही है. इसमें करीब 3600 शराब की दुकानों को नीलामी में शामिल किया जाएगा. सरकारी ने फैसला किया है कि देशी और अंग्रेजी के अलावा हेरिटेज शराब भी दुकानों में बेची जाएगी. आबकारी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरकार को इस नियम में परिवर्तन करने से 4 हजार करोड़ का सीधे तौर पर राजस्व मिलेगा.
तीन अधिकारी भी हो चुके सस्पेंड
साल 2023 में जुलाई अगस्त और सितंबर के महीने में पांच जिलों में फर्जी डीडी जमा करने का मामला सामने आया था. भोपाल, जबलपुर, इंदौर, रीवा और कटनी में शराब ठेकेदारों ने अधिकारियों की खुली मिलीभगत कर सरकार को गुमराह किया था.
इसके बाद आबकारी विभाग के तीन अधिकारियों को सस्पेंड भी किया गया था. अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि बैंक गारंटी की जांच की जाए. लेकिन ठेकेदारों की ओर से जमा की गई डीडी या फिर चेक की जांच अधिकारियों ने नहीं की. मामला तूल पकड़ने पर कलेक्टर ने शराब ठेकेदारों को ब्लैकलिस्टेड करते हुए दुकानों को भी निरस्त कर दिया था.
अब सरकार को फर्जी बैंक गारंटी देकर चूना नहीं लगा पाएंगे. मध्य प्रदेश में शराब कारोबारी को सरकार के खजाने में जमा करनी होगी. बीते साल में सरकार को 100 करोड़ के स्कैम में बड़ा चुना लगा है. अब नए नियम के कारण सीधे सरकार के ट्रेजरी में फंड जमा करना होगा.