MP News: मध्य प्रदेश का चंबल इलाका जहां महिलाओं को घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलती है, लेकिन इस इलाके में महिलाएं खेती के जरिए इस चंबल का नाम देश भर में रोशन कर रही है. ऐसी ही दो किसान महिला सुनीता शर्मा और खुशबू लोधी है जिन्होंने स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद उन्होंने अपना मिशन शुरू किया. जिन्होंने ग्वालियर में ही 15 दिन की ट्रेनिंग लेकर ड्रोन दीदी का प्रमाण पत्र हासिल किया. खूशबू खुद की 40 बीघा जमीन के साथ आसपास के 15 से 20 गांवों के किसानों के खेतों में ड्रोन के जरिए कीटनाशक का छिड़काव करने जाती हैं. इससे जहां उनके समूह की आय में भी वृद्धि हुई है, वहीं किसानों को भी राहत मिल जाती है. इलाके में इस किसान महिला को ड्रोन दीदी के नाम से बुलाते हैं.
अलग-अलग ड्रोन के जरिए कीटनाशक दावों का छिड़काव
वही किसान महिला सुनीता शर्मा ने बताया की वह लगातार अपनी खेती के अलावा अलग-अलग गांव में ड्रोन के जरिए खेतों में कीटनाशक दावों का छिड़काव करती है. वह अपने खेतों के अलावा आसपास के गांव में भी ड्रोन के जरिए कीटनाशक दावों का छिड़काव करती है. ड्रोन के जरिए स्व सहायता समूह की आय बढ़ाने का इनोवेशन करने वाली किसान महिला सुनीता शर्मा को अब 15 अगस्त को दिल्ली में प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित किया जाएगा.
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पीएम मोदी से सम्मानित हो रही बेटियां
विस्तार न्यूज़ की खास बातचीत में किसान नेता सुनीता शर्मा ने बताया है कि चंबल में कभी बहन बेटियों को घर से बाहर नहीं भेजते थे लेकिन आज यहां की बेटियां ड्रोन पायलट बन गई है. और लाल किले से पीएम मोदी के द्वारा भी सम्मानित हो रही है,यहां की बेटियां अलग-अलग क्षेत्र में. यह काफी गर्व और फिक्र की बात है. चंबल की किसान महिला सुनीता शर्मा और खुशबू लोधी ने कभी नहीं सोचा होगा कि वह पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मानित होगी, लेकिन उन्होंने अपनी लगन और हुनर के जरिए यह कर दिखाया है.