Gwalior Crime News: ग्वालियर जिलें में लगातार अवैध हथियारो के पकड़े जाने के मामले सामने आते रहे हैं. ग्वालियर की बिजौली थाना पुलिस ने हथियारों के साथ एक व्यक्ति को पकड़ा है. आरोपी आपराधिक घटनाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दहशत फैलाने वाली एक गैंग के मुखिया है, जो कि अवैध हथियारों को खपाने का का काम करता है. आरोपी के कब्जे से एक पिस्टल, दो कट्टे और बड़ी संख्या में बरामद हुए है.
मुखबिर की सूचना पर हुई कार्रवाई
पूरी घटना की जानकारी देते हुए थाना बिजौली की प्रभारी ट्रेनी आईपीएस अनु बेनीवाल ने बताया कि एसपी धर्मवीर सिंह को मुखबिर द्वारा सूचना मिली थी. कि एक हथियार तस्कर अवैध हथियार बेचने के लिए बिल्हेटी मोड़ के आसपास पहुंच रहा है. इस पर एसडीओपी संतोष पटेल, थाना प्रभारी बेनीवाल ने फोर्स के साथ इलाके की घेराबंदी की और चितौरा रोड पर मुखबिर द्वारा बताई गई हुलिया का युवक खड़ा नजर आया. पुलिस को देख उसने भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया. पूछताछ करने पर उसने अपना नाम भोला उर्फ भोलू गुर्जर निवासी परसेन बताया.
पुलिस ने बरामद किया हथियारों का जखीरा
पुलिस ने जब भोलू के हाथ से नीला बैग कब्जे में लेकर उसकी तलाशी ली तो उसमें हथियारों का जखीरा मिला. उसमे 32 बोर की एक पिस्टल और उसका एक कारतूस और 315 बोर दो कट्टे और उनके 15 जिंदा कारतूस निकले. पुलिस आरोपी को गिरफ्तार कर पूछताछ में यह जानने की कोशिश कर रही है कि वह यह हथियार किस मकसद से लाया था ? इन्हें कहां से मंगवाया और इनकी किसको डिलीवरी की जानी थी ?
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आरोपी के खिलाफ 15 से अधिक मामले दर्ज
सुश्री बेनिवाल ने बताया कि अब तक की पड़ताल से पता चला है कि, पकड़े गए आरोपी के खिलाफ भिंड जिले के गोहद और ग्वालियर के विभिन्न थानों में 15 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इसने आठ अप्रैल के आसपास अमहिया पूरा में भी फायरिंग की थी.
भोला आपराधिक पृवृति का है और गैंग बनाने की कोशिश में रहता है. थाना प्रभारी बेनीवाल का कहना है कि कुछ लड़के है जिनमे से ज्यादातर गुर्जर समाज के है ये इंस्ट्राग्राम पर काफी एक्टिव रहते हैं. वहां हथियारों के साथ अपने वीडियो डालते है. इतना ही नही जहां मारपीट करने जाते है वहां जाने से लेकर लौटने तक के वीडियो अपलोड करते है. इसमे अलग तरह के गांव का भी इस्तेमाल किया जाता है. इनके जरिये वे भय भी उतपन्न करते है और प्राउड भी फील करते हैं. इनके कई सदस्य फायरिंग की घटनाओं में अरेस्ट हो चुके हैं. देखने मे ये भी आया कि इनकी गैंग में कम उम्र के बच्चो को ही शामिल किया जाता है क्योंकि वे अबोध होते है और जल्दी बहकावे में आ जाते हैं.