Water Supply Problem: ग्वालियर चंबल अंचल में भीषण गर्मी के दौरान भीषण जल संकट गहरा गया है. हालत यह है कि जिले की आधी आबादी भीषण जल संकट से जूझ रहे है जिले के कई इलाके ऐसे हैं जहां पर लोग एक एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं. ऐसे इलाकों में एक दिन छोड़कर टैंकरों के जरिए पानी की सप्लाई की जा रही है. इस दौरान लोग एक-एक बूंद के लिए लड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. शहर से महज 5 किलोमीटर दूर रामनगर गांव में पानी के लिए युद्ध जैसे हालात नज़र आए.
2 दिन में एक बार आता है टैंकर
कई इलाकों में लोगों को दो दिन तक पानी का इंतजार करना पड़ता है. कई इलाके ऐसे हैं जहां लोग गंदा पानी पीने को मजबूर है. ऐसी भीषण गर्मी में रामनगर गांव, जहां यह गांव भीषण जल संकट से जूझ रहा है. इस गांव में पानी के टैंकर को देखते ही खाली पड़े प्यास कठों में मानो जान सी आ जाती है. लोग उसे टैंकर को देखते ही दौड़ लगा बैठे, टैंकर से जब पानी की धार फूटी तो लोगों के आस की डोर भी टूट गई. लोग एक दूसरे से लड़ते झगड़ते हुए अपने पास पानी एकत्र करने के लिए जुट गए. पानी की इस जद्दोजहद में कोई किसी की उम्र का भी लिहाज नहीं कर रहा था, जहां 8 साल के बच्चे से लेकर 80 साल तक के बुजुर्ग भी पानी की एक-एक बूंद के लिए झगड़ते नजर आते है, लेकिन यह हाल केवल ग्वालियर के एक रामनगर का नहीं ऐसे कई रामनगर है. जहां दो-दो तीन-तीन दिन में एक बार टैंकर पानी पहुंचता है पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों से जब बात की तो पहले जवाब उनका यही था कि हम पहले पानी भर ले तब कुछ कह पाएंगे.
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खौलता हुआ पानी पीने को मजबूर रहवासी
रामनगर में रहने वाले लोगों ने बताया कि, किस तरह बीते कई सालों से वह इस समस्या से जूझ रहे हैं. सर्दी हो गर्मी हो या बरसात पानी और बिजली की समस्या आज भी उनके लिए जस की तस बनी हुई है. रामनगर गांव के लोगो का कहना है कि इस भीषण गर्मी में पानी की भीषण समस्या है. हालत यह है कि लोगों को इस गर्मी में खौलता हुआ पानी पीना पड़ता है. इस गांव में रोज पानी के टैंकर तो पहुंचते हैं लेकिन अलग-अलग इलाकों में. इसलिए जब पानी का टैंकर पहुंचता है तो लोग पानी भरने के लिए टूट पड़ते हैं और एक दूसरे से झगड़ा करते रहते हैं.
जीतने के नेता गांव में दिखाई तक नहीं देते
वहीं नेताओं को लेकर गांव वालों का कहना है कि, जनप्रतिनिधि यहां पर वोट मांगने के लिए तो आते हैं लेकिन जीतने के बाद कोई भी इस गांव में कदम नहीं रखता है. यहां पानी की इतनी समस्या है की एक दिन छोड़कर लोगों को पानी मिलता है यही कारण है कि लोग जब टैंकर आता है. तब अपना पानी का स्टॉक करने के लिए दर्जनों भर बर्तन लेकर टूट पड़ते हैं. 2 दिन तक इस गर्म पानी को पीते रहते हैं साथ ही कई बुजुर्ग महिलाएं ऐसी भी है जो इस भीड़ में पानी नहीं भर पाती है और अगले दिन टैंकर आने का इंतजार करती है. उनका कहना है कि भीषण पानी की समस्या है और यहां पर कहीं-कहीं बार तो ऐसा होता है की दो-तीन दिन तक टैंकर नहीं आता है. लोग एक एक बूंद पानी के लिए तरसते रहते है.