MP News: रामायण काल में श्रीराम का नाम लिखे पत्थर को तैरने की कथाएं आपने जरूर सुनी होगी. ऐसा ही एक अनोखा चमत्कार ग्वालियर के रहने वाले एक शिल्पकार ने कर दिखाया. राष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा ने लगभग 5 किलो के पत्थर की ऐसी नाव बनाई है जो पानी में तैरती है. इस नाव में केवट के साथ प्रभु श्री राम, माता जानकी और भगवान लक्ष्मण विराजमान है. शिल्पकार की इस कला को देखकर हर कोई हैरान हो गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस पत्थर की नाव को देखकर हैरत में आ गए.
पत्थर से बनी दुनिया की पहली नाव
नेशनल अवॉर्डी मूर्तिकार दीपक विश्वकर्मा ने यह नाव तैयार की है. उन्होंने बताया कि ग्वालियर मिड स्टोन से इसे तैयार किया गया है. 45 किलो की शिला से तराशकर इसे 5 किलो बनाया गया है. इस पत्थर की नाव में प्रभु श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण जी और केवट को नाव चलाते हुए दिखाया गया है. खास बात यह है कि इस पत्थर की नाव की सराहना राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित कई बड़े राजनेता कर चुके हैं. ऐसा दावा है कि यह पत्थर से बनी विश्व की पहली ऐसी नाव है जो पानी में तैरती है.
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व्हाइट स्टोन से बनी है नाव
शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा ने बताया कि इस नाव को तैयार करने के लिए कई प्रकार के पत्थरों की तलाश की गई. उसके बाद विश्व प्रसिद्ध ग्वालियर के व्हाइट स्टोन पत्थर से इस नाव को तैयार करने का प्लान किया. देश और दुनिया में टिंडमिंट पत्थर के नाम से मशहूर ग्वालियर का यह पत्थर काफी सॉफ्ट है. इसकी चमक बाकी पत्थरों से अलग है. दीपक विश्वकर्मा ने विस्तार न्यूज़ को बताया पत्थर की कोई खासियत नहीं है यह सिर्फ खासियत कला की है. इस नाव की पत्थर को बनाने के लिए पूरी तरह कला का उपयोग किया गया है. यही वजह है कि रात-दिन काम कर इस अद्भुत नाव को तैयार किया. सबसे खास बात ये है कि अब इसे अदभुत नाव को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते है.