भोपाल: मध्य प्रदेश में एक बार फिर स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प हो सकती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि जूनियर डॉक्टर्स अब अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की राह पर निकल पड़े हैं. 13 मार्च बुधवार को राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल के गांधी मेडिकल कॉलेज के सामने जूनियर डॉक्टरों ने शांतिपूर्वक ढंग से 2 घंटे के लिए हाथों में काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताया. दरअसल जूनियर डॉक्टर्स अपनी कुछ मांगो को लेकर विरोध जता रहे हैं. वह चाहते हैं कि सरकार उनके मांगे पूरी करें.
जूनियर डॅाक्टर की ये हैं पांच सूत्रीय मांग
जूनियर डॉक्टर चाहते हैं कि उनका मासिक स्टाइपेंड 1 लाख रुपए प्रति माह किया जाए.
मध्य प्रदेश में भी चिकित्सा से शिक्षा की फीस बाकी राज्यों की तरह ही 10 से 15 हजार की जाए एवं यूनिवर्सिटी फीस भी कम की जाए.
मध्य प्रदेश में कार्यरत सभी जूनियर डॉक्टर को 5 वर्षों का स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाए.
मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल डिपार्टमेंट में सीनियर रेजिडेंट्स की सीट बढ़ाई जाए. नॉन क्लीनिकल डिपार्टमेंट में भी सीनियर रेजिडेंट्स की सीट लाई जाए.
मध्य प्रदेश से रूरल सर्विस बॉन्ड को खत्म किया जाए अथवा अगर कोई चिकित्सक रूरल सर्विस पर जाता है तो उसे अतिरिक्त 20,000 वेतन दिया जाए.
मांगे नहीं मानी गई तो आगे करेंगे बड़ी हड़ताल
विस्तार न्यूज़ से बात करते हुए जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि शासन प्रशासन से हमारी बात हुई है उन्होंने आश्वासन तो दिया है लेकिन अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती, तो हम आगे हड़ताल करने के लिए मजबूर होंगे अभी हमने किसी प्रकार की मेडिकल सर्विसेज बाधित नहीं की है लेकिन अगर हड़ताल करेंगे तो इससे मेडिकल सेवाएं भी बाधित हो सकती हैं.
बता दें कि इस हिसाब से अगर जूनियर डॉक्टरों की ये मांगें अगर नहीं मानी जाती हैं तो इनके हड़ताल पर जाने से प्रदेशभर के मरीजों की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.