MP News: लोग कहीं संक्रमण की चपेट में है लोग तो कहीं मुआवजे के लिए दर- दर भटक रहें हैं. कोई गड्ढों से परेशान है तो कोई जर्जर हो चुके पुल से दहशत में है. मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों की इस समस्या जनक तस्वीरों के सामने आने के बाद अब प्रदेश का मानव अधिकार आयोग हरकत में आ गया है.
आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने मीडिया के जरिए सामने आए 36 मामलों में 18 जिलों के कलेक्टर, एसपी, जिला पंचायत सीईओ सहित कई अफसरों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. आयोग ने इसे मानव अधिकार का उल्लंघन बताया है आयोग ने इन सभी 36 मामलों में जवाब पेश करने के लिए अलग-अलग समय सीमा भी तय की है. अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए कहा है कि मामलों को लेकर विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द मानवाधिकार आयोग को सौंप दी जाए. जिससे आने वाले दिनों में कार्रवाई की जा सके.
इन विभागों के मामले सबसे ज्यादा सामने आए
मानवाधिकार आयोग ने नोटिस जारी करते हुए सबसे ज्यादा जेल, गृह, नगर निगम जिला प्रशासन के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. क्योंकि इन्हीं विभागों से जुड़े हुए अधिकांश मामले सामने आए हैं. इधर मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट बताती है कि जेल और गृह विभाग में सबसे ज्यादा मानव के अधिकारों का हनन होता है.
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भोपाल के सबसे ज्यादा मामले
भोपाल कलेक्टर से सात मामलों में जवाब तलब किया गया है. इनमें ग्रेच्युटी की अव्यवस्था, झोलाछाप डॉक्टर, जानलेवा सीवर लाइन के गड्ढे की समस्या सहित अन्य मामले है. जबकि अन्य जिलों में अस्पताल की अव्यवस्था, जर्जर पुल और स्कूल की बदहाली जैसे मामले है. इसके अलावा इंदौर, ग्वालियर, श्योपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, गुना, मंडला, सिहोर, मुरैना, उज्जैन, शिवपुरी, देवास, बैतूल, कटनी, छतरपुर और जबलपुर कलेक्टर को नोटिस कर जवाब मांगे गए है.