MP News: मध्य प्रदेश में विधानसभा के मानसून सत्र की अधिसूचना विधानसभा सचिवालय ने जारी कर दी है. एक जुलाई से लेकर 19 जुलाई तक सदन की कार्रवाई चलेगी गैर सरकारी सदस्यों के विधेयकों और संकल्पों के लिए 5 12 और 19 जुलाई का समय निर्धारित किया गया है. मानसून सत्र के दौरान मोहन सरकार पूर्ण वित्तीय वर्ष 2024- 25 का बजट भी पेश करेगी. इस बजट में स्कूल, कृषि, शिक्षा सहित कई अन्य विषयों को लेकर सरकार 3 लाख 50 हजार करोड़ का बजट पेश करेगी.
विधानसभा सत्र के दौरान स्थगन प्रस्ताव की सूचना, ध्यान आकर्षण की सूचना, मंत्री परिषद में अविश्वास की सूचनाओं पहले ही विपक्ष को देनी होगी. सरकार के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव और अन्य विषयों को लेकर 8:00 बजे सूचना विपक्षी और से दी जाएगी 9:00 की प्राप्त होने वाली सूचना अगले दिन के लिए तय होगी जिस दिन कार्रवाई के दौरान बैठकर नहीं होगी और सार्वजनिक अवकाश नहीं होगा सूचनाओं. 11 से 4 बजे तक सचिवालय में ली जाएगी. इधर सचिवालय ने सदस्यों के लिए भी कुछ नियम तय किए हैं सचिवालय की तरफ से कहा गया है किसी भी सदस्य के विरुद्ध व्यक्तिगत दोषारोपण पर नहीं किया जाएगा. कार्यवाही के संचालन के विषय में आपत्तिजनक शब्दावली का प्रयोग नहीं किया जाएगा.
बिना पास सदस्य भी नहीं हो पाएंगे विधानसभा के भीतर दाखिल
सुरक्षा को लेकर विधानसभा सचिवालय ने विधायकों को जानकारी भेजी है कि बिना पास सदस्यों की एंट्री नहीं हो पाएगी. उन्हें सदन की कार्यवाही से पहले ही पास लेकर आना होगा. इसके अलावा सुरक्षा कर्मियों को सदन की कार्रवाई के दौरान बाहर रहना पड़ेगा. सचिवालय की ओर से कहा गया है कि विधायक किसी अन्य व्यक्ति को बिना पास के दाखिल न कराएं. बिना पास के किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा अगर विधायक किसी व्यक्ति का प्रवेश करते हैं तो विधानसभा की सुरक्षा में सेंध मानी जाएगी.
जमकर विपक्ष करेगा हंगामा, कानून व्यवस्था और कर्ज रहेगा बड़ा मुद्दा
मोहन सरकार अपना पहला वित्तीय बजट पेश करेगी. इस दौरान विपक्ष हंगामा जरूर करेगा. नर्सिंग कॉलेज में फर्जीवाड़ा और कानून व्यवस्था के साथ कर्ज को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश विपक्ष की होगी. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद पहले ही कह चुके हैं कि लाउडस्पीकर के मुद्दे पर सरकार से जवाब तलब किया जाएगा. वहीं उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे नर्सिंग कॉलेज के मामले को लेकर सरकार से सवाल करेंगे. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में पांच विधायकों की कमेटी बनाई है. यह कमेटी विधानसभा सत्र के दौरान अपनी रिपोर्ट विधानसभा में मुख्यमंत्री को जरूर पेश करेगी.