Vistaar NEWS

MP News: पहले विधायक का दंडवत फिर पटेरिया की इस्तीफे की पेशकश, नहीं कम हो रही एमपी में बीजेपी की टेंशन

MP News

MP News

MP News:  मध्य प्रदेश भाजपा में सब कुछ अच्छा नहीं चल रहा है भले ही 160 का आंकड़ा बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में पर कर लिया है लेकिन पार्टी अपने बोझ के तले ही दबी जा रही है. कांग्रेस से इंपोर्ट होकर बीजेपी में आए नेता विचारधारा से प्रभावित होकर समर्पण से सेव कर रहे हैं. वहीं भाजपा में सालों तक काम करने वाले विधायक नेता सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल चुके हैं. ऐसा पिछले 72 घंटे के भीतर मध्य प्रदेश की पॉलिटिक्स मैं देखने के लिए मिला है.

सबसे पहले मऊगंज से विधायक प्रदीप पटेल ने पुलिस अधिकारियों के सामने जाकर दंडवत हो गए. प्रदीप पटेल की इस हरकत को कांग्रेस ने हवा दे दी. कांग्रेस से जमकर प्रदीप पटेल के कारनामे को ट्रोल कर दिया. इसके बाद जबलपुर से विधायक अजय बिश्नोई ने तो सरकार को ही माफिया के सामने नामस्तक कर दिया. पटेल की हरकत को सबसे ज्यादा हवा बिश्नोई की ट्वीट और समर्थन से मिली. अजय बिश्नोई ने ट्वीट करते हुए कहा कि सरकार शराब माफिया के सामने नामस्तक है. पटेल का दंडवत का मामला शांत हुआ ही नहीं था कि सागर की देवरी से बृज बिहारी पटेरिया ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी. दरअसल, पटेरिया के पास शिकायत पहुंची थी कि डॉक्टर डेथ सर्टिफिकेट बनाने के लिए 40 हजार की रिश्वत मांग रहा है. पटेरिया ने डॉक्टर के खिलाफ थाने में शिकायत कराई लेकिन मामला दर्ज नहीं हुआ. इसके बाद पटेरिया थाने के बाहर धरने पर बैठ गए और इस्तीफा देने की पेशकश कर दी. मामला हाई कमान तक पहुंचा तत्काल ही पटेरिया को शांत कराया गया और डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया. आखिरकार संगठन के मानने के बाद सुबह 4:00 बजे पटेरिया ने अपना इस्तीफा वापस दे दिया.

बीजेपी की सरकार में ही पूर्व मंत्री को खतरा

विजय राघवगढ़ से विधायक संजय पाठक को इन दिनों काफी डर सता रहा है. उन्हें लगता है कि कोई उनका पीछा कर रहा है. संजय पाठक का कहना है कि पहले उनके आधार कार्ड से छेड़छाड़ की गई. अब उन्हें इस बात का खौफ है कि कोई उनका पीछा कर रहा है. डर के साए में संजय पाठक इन दोनों जी रहे हैं. हालांकि संजय पाठक कोई साधारण आदमी नहीं है. अरबपति नेताओं में उनकी पहचान होती है. खुद के हेलीकॉप्टर से लेकर चार्टर प्लेन भी है. करोड़ों अरबों रुपए के आसामी बीजेपी के पूर्व मंत्री संजय पाठक को भला कौन सी बात से इतना डर है कि उन्होंने सरकार से सुरक्षा की मांग तक कर डाली है.

सीनियर नेता दरकिनार, इसलिए बढ़ रहा विवाद

लोकसभा चुनाव जीतने के बाद बीजेपी मध्य प्रदेश में काफी ज्यादा मजबूत नजर आ रही है. भाजपा पूरी तरीके से भरोसे में है कि पार्टी के भीतर सब कुछ अच्छा चल रहा है लेकिन लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद टीकमगढ़ के सांसद वीरेंद्र कुमार के खिलाफ आधा दर्जन से अधिक बीजेपी की विधायकों ने ही मोर्चा खोल दिया. मामला सांसद प्रतिनिधि बनाए जाने को लेकर था. कांग्रेस से आने वाले नेताओं को बीजेपी की सरकार में सांसद प्रतिनिधि बनाया गया. इस बात से नाराज हो कर विधायकों ने मोर्चा खोल दिया. बाद में पार्टी हाई कमान तक बात पहुंची तो वीरेंद्र कुमार को संसद प्रतिनिधियों की सूची को निरस्त करना पड़ा.

यह भी पढ़ें: MP में वेस्टर्न बायपास की जमीन में ‘खेल’- पीएमओ पहुंची शिकायत, नेताओं-अफसरों पर जमीन खरीदने के आरोप

सागर में समझौता करने में छूट रहे संगठन के पसीने

बुंदेलखंड के सागर संभाग में सबसे ज्यादा भाजपा नेताओं के बीच आपसी टकराव हो रहा है. उसके पीछे की वजह है कि कई सीनियर मंत्री अब विधायक बनकर ही सीमित है. सरकार में उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. पहले कभी सरकार की दिग्गज मंत्रियों की श्रेणी में हुआ करते थे लेकिन अब नए मंत्रियों के सामने विकास के लिए गुहार लगा रहे हैं. पूर्व गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह, लोक निर्माण विभाग के पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव जैसे नेता घर बैठे हुए हैं. जबकि कांग्रेस से सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हुए गोविंद सिंह राजपूत मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. ऐसे में पुराने नेताओं को दरकिनार कर कुछ सालों पहले बीजेपी में शामिल हुए नेताओं को तवज्जो मिलने की वजह से पार्टी के भीतर चाहता नाराजगी बढ़ गई है.

Exit mobile version