MP News: हाल ही में सीएम डॉ. मोहन यादव ने अशोकनगर में हुए युवती से दुष्कर्म और परिजनों पर हुए हमले के मामले में पुलिस मुख्यालय पहुंचकर अफसरों की क्लास ली थी और ताकीद किया था कि अपराधी किसी भी कीमत में नहीं बक्शे जाना चाहिए. पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा ने भी इस तरह के मामलों की मॉनिटिरंग शुरू कर दी है. एडीजी महिला अपराध प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव ने अशोकनगर सहित जिन जिलों में इस तरह की घटनाएं हुई है, संबंधित पुलिस अधीक्षकों से रिपोर्ट तलब की है. पुलिस अधिकारियों के मामलों की विस्तृत रिपोर्ट भेजनी होगी.
इस मामले में महिला अपराध उस रिपोर्ट का परीक्षण करेगा और सुनिश्चित भी करेगा कि मामले में किस स्तर पर लापरवाही रही है. यह है मामला महिला अपराध शाखा के माध्यम से डीजीपी भी इस तरह के मामलों की समीक्षा करेंगे. विदित हो कि अशोकनगर के रामपुर मोहल्ले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसमें तलवार लहराते हुए बदमाश एक युवती को घसीटकर ले जा रहे थे. वीडियो वायरल होने के बाद मामला सीएम तक मामला पहुंचा. मामले में पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया है.
महिलाओं के साथ अत्याचार के मामले में पुलिस को भी निर्देश
महिला सुरक्षा शाखा ने महिलाओं के साथ अत्याचार के मामले में में पुलिस को भी निर्देश जारी किए हैं आधा दर्जन से अधिक बिंदुओं को ध्यान में रखकर विवेचना करने के लिए निर्देश दिए हैं. महिला सुरक्षा शाखा ने सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखते हुए कहा है कि विवेचना के दौरान पुलिस पीड़िता को लेकर सावधानी बरते. जांच और विवेचना के दौरान पुलिस को पीड़िता की गोपनीयता को लेकर ध्यान देने की जरूरत है.
पूर्व डीजीपी बोले, गुंडा लिस्ट में आरोपी को करें शामिल
मध्य प्रदेश के पूर्व डीजीपी एससी त्रिपाठी ने कहा कि सागर जैसी घटनाओं को लेकर पुलिस मुख्यालय को बेहतर तरीके से जांच करने की जरूरत है. अशोकनगर में अगर आरोपी रेप के बाद परिवार पर हमला करता है तो फिर ऐसे में पुलिस पर भी सवाल उठता है कि आखिर पहले सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई. जिससे उसके हौंसले बुलंद हुए और शादी के दिन तलवार से हमला कर दिया. आरोपी कई बार रेप के मामलों में गिरफ्तार हो चुका है तो उसके खिलाफ गुंडा लिस्ट में शामिल किया जाना चाहिए, अगर जरूरत पड़ती है तो पुलिस को मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजना चाहिए. जिससे आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले.