MP News: इंदौर में सर्वपितृ अमावस्या पर कल कृष्णपुरा छत्री पर समाजसेवी डॉ. भाग्यश्री खरखडिय़ा ने अज्ञात लावारिस लोगों का पिंडदान किया. तर्पण-पिंडदान के बाद अस्थियों को खलघाट ले जाकर नर्मदा नदी में प्रवाहित भी किया गया. छत्री पर पिंडदान की रस्म पं. हेमंत व पं. श्याम शर्मा ने पूरे विधिविधान से संपन्न कराई. डॉ. खरखडिय़ा ने बताया कि वे पिछले 8 सालों से अज्ञात लावारिस लोगों की अस्थियों का पिंडदान-तर्पण कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं.
अब तक सैकड़ों लोगों का कर चुकी है पिंडदान
अब तक सैकड़ों लोगों का पिंडदान कर अस्थियों को नर्मदा नदी में विसर्जित कर चुकी हैं. ऐसे लोगों की अस्थियों को जो विभिन्न कारणों से प्रवाहित नहीं हो पाती, उनका पिंडदान-तर्पण कर रही हैं. हिंदू धर्म में जब तक पिंडदान-तर्पण न हो तब तक आत्मा की मुक्ति नहीं होना माना जाता है. वे हर वर्ष सर्वपितृ अमावस्या पर ऐसे लोगों की अस्थियों का तर्पण कृष्णपुरा छत्री पर करती हैं और फिर खलघाट जाकर नर्मदा नदी में प्रवाहित करती हैं.
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पं. श्याम शर्मा ने कहा कि हिंदू सभ्यता में स्त्री को मां का रूप कहा जाता है और यह एक अनुपम उदाहरण है कि भाग्यश्री मां की तरह इन सभी का पिंडदान-तर्पण हर वर्ष करती हैं. उल्लेखनीय आई कि भाग्यश्री अब तक इंदौर और उज्जैन में सैकड़ों लावारिश लाशों का अंतिम संस्कार कर चुकी है.