MP News: इंदौर नगर निगम द्वारा की जा रही मनमानी पूर्वक कार्रवाई अब लोगो के लिए जानलेवा भी साबित हो रही है. महज 12 घंटे का नोटिस देकर नगर निगम ने एक रिटायर्ड व्यक्ति की दुकान तोड़ दी, निगमकर्मियो को दुकान तोड़ने की इतनी जल्दी पड़ी थी कि उन्होंने बनी व्यक्ति को दुकान में से सामान निकालने का समय भी नही दिया. अपनी जीवन भर की कमाई इस तरह से नष्ट होता देख डिप्रेशन में आए बुजुर्ग ने फांसी लगाकर जान दे दी.
ब्लैकमेल करने का आरोप
उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमे उसने कुछ लोगो के नाम भी लिखे है. मामला पलासिया थाना क्षेत्र का है. यहां के चंद्रलोक कॉलोनी के रहने वाले अनिल यादव ने बैंक से रिटायर होने के बाद अपनी पूरी सेविंग लगाकर अमूल पार्लर शुरू किया था. लेकिन कई लोगों द्वारा लगातार उन्हे ब्लैकमेल कर उनकी झूठी शिकायते की जा रही थी.
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डिप्रेशन में आए बुजुर्ग ने दी जान
इसके बाद सोमवार रात नगर निगम किनार से उन्हे रिमूवल का नोटिस दिया गया और मंगलवार सुबह निगम का अमला दुकान हटाने पहुंच गया. यादव ने दुकान से सामान निकालने जितनी मोहलत मांगी लेकिन निगमकर्मियो ने एक एम सुनी और लाखो के सामान सहित दुकान तोड़ दी. इससे डिप्रेशन में आए अनिल यादव ने बुधवार सुबह अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी. मृतक अनिल यादव के बेटे विक्रम ने बताया कि मरने से पहले उन्होंने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमे अपनी मौत के जिम्मेदारों के नाम लिखे है. पलासिया थाना प्रभारी मनीष मिश्र ने बताया कि मामले की सूचना मिलने के बाद उनके शव का पोस्टमार्टम करवाकर सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू कर दी है.