MP News: शहर में जिला प्रशासन द्वारा लगातार अवैध तरीके से संचालित किए जा रहे पेट्रोल पंपों पर कार्रवाई का सिलसिला जारी है. हाल ही में जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीम ने ग्राम धरावरा देपालपुर और पत्थर मूंडला स्थित 2 अलग अलग पंपों पर कार्रवाई कर बड़ी मात्रा में डीजल जब्त किया है. देपालपुर में संचालित अवैध बायो डीजल पंप साम्राज्य बायोडीजल पर छापामार कार्रवाई की गई. यहां टीम ने एक अवैध डिस्पेंसिंग यूनिट के माध्यम से टैंकर में बायोडीजल डाले जाते पकड़ा. टीम ने मौके पर पंप पर एक छोटा डीजल टैंकर MP 09 2567 खड़ा पाया, जिसमें 90 लीटर बायोडीजल संग्रहित पाया गया. पंप पर बने एक अंडरग्राउंड टैंक 20 हजार लीटर की क्षमता की जांच में लगभग 1842 लीटर बायोडीजल पाया गया.
पेट्रोल पंप मालिक के कहने पर किया जाता है काम
मौके पर मौजूद टैंकर ड्राइवर अर्जुन सिंह ने बताया कि पंप का मालिक शुभम भानपुरकर है. उसके कहने पर ही यह काम किया जाता है. मौके से टैंकर सहित कुल 1932 लीटर बायोडीजल को जब्त किया गया. इसमें से 300 लीटर बायोडीजल डेड स्टॉक को अंडरग्राउंड टैंक में सील कर परिसर एवं डिस्पेंसिंग यूनिट सील कर टैंकर में बायोडीजल के नजदीक स्थित पेट्रोल पंप को सुपुर्दगी में दिया गया.
लापरवाही से बन रहा आगजनी का खतरा
इसके अलावा टीम ने पत्थर मुंडला स्थित न्यू शालीमार रोडवेज के गैरेज पर अवैध रूप से संचालित हो रहे पेट्रोल पंप पर दबिश दी. जांच में गैरेज परिसर में एक डीज़ल डिस्पेंसिंग यूनिट और डीजल भंडारण हेतु भूमिगत टैंक स्थापित मिला. जांच में टैंक के अंदर 22, 173 लीटर मिलावटी डीजल पाया गया, जिसे डिस्पेंसिंग यूनिट द्वारा विभिन्न वाहनों में डाला जाता हैं. इस फर्म के प्रोपराइटर आशीष कालरा निवासी झलारिया काउंटीवॉक इंदौर मौके पर मिला. टैंक के पास चारों ओर सूखी घास लगी पायी गई, जिससे आगजनी का खतरा बना हुआ था, लेकिन पंप पर कोई अग्निशमन यंत्र नही पाया गया. जब्त डीजल की कीमत लगभग 20 लाख 81 हजार 157 रुपये आंकी गई है. पंप संचालन बिना किसी वैध अनुमति का पाए जाने पर पंप को सील कर आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत पंप प्रोपराइटर आशीष कालरा के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है.
इसके दो दिन पहले भी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीम ने पालदा इलाके में संचालित हो रहे अवैध पेट्रोल पंप पर कार्रवाई की थी. पिछले तीन दिनों में तीन अवैध पेट्रोल पंप पर कार्रवाई करने के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर भी उंगलियां उठ रही है.