MP News: इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने विद्यार्थियों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इंदौर जिले के सभी कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं को निर्देश दिए हैं कि वे किसी भी विद्यार्थी के मूल दस्तावेज अपने कार्यालय में नहीं रखें. अगर किसी कॉलेज के पास विद्यार्थियों के मूल दस्तावेज हैं तो वह उन्हें तुरंत विद्यार्थियों को वापस करें. विद्यार्थियों के मूल दस्तावेज रखे हुए पाए जाने पर संबंधित शैक्षणिक संस्थान के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
लगातार शिकायत कर रहे थे परिजन
दरअसल, प्रायः जनसुनवाई एवं सी.एम. हेल्प लाईन में विद्यार्थियों एवं उनके पालकों द्वारा शिकायतें की जाती है, कि निजी शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान उनके मूल दस्तावेजों (अंकसूचियों, स्थानातरण प्रमाण पत्र आदि) रख लिए जाते है एवं इनके द्वारा वापस मांगे जाने पर लौटाए नहीं जाते है. कलेक्टर सिंह ने इस पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश जारी किया है.
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विद्यार्थियों के जमा मूल दस्तावेज वापस करें
कलेक्टर आशीष सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी उच्च शैक्षणिक संस्थाओं एवं निजी विश्वविद्यालयों को (उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों) को आदेशित किया है कि कोई भी शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों के मूल दस्तावेजों को जमा नहीं करें. यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं मध्यप्रदेश शासन के संस्थानों द्वारा जारी नियमों के विरुद्ध भी है. सभी शिक्षण संस्थानों को यह भी आदेशित किया गया है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं राज्य शासन के आदेश का पालन करें. कहा गया है कि शिक्षण संस्थानों के पास वर्तमान में यदि विद्यार्थियों के मूल दस्तावेज जमा किए गए है तो इन्हें तत्काल संबंधित विद्यार्थियों को वापस किए जाकर इसकी प्राप्ति रसीद प्राप्त कर संधारित रखे.
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा हैं कि भविष्य में कलेक्टर कार्यालय में किसी भी शिक्षण संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा इस संबंध में शिकायत की जाती है तो संबंधित शिक्षण संस्थान के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी. साथ ही संबंधित विभाग को भी ऐसी शिक्षण संस्थाओं की मान्यता के संबंध में पुनर्विचार करने हेतु कहा जाएगा.