Indore News: सागर में हुए तिहरे हत्याकांड मामले में इंदौर में महिला कांग्रेस ने दबंगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग को लेकर संभागायुक्त को ज्ञापन दिया है. ज्ञापन में महिला कांग्रेस ने कहा कि अहिरवार परिवार में 9 महीने में 3 लोगों की मौत हुई है. इनमें से दो मामले सीधे तौर पर हत्या के है. पुलिस को कोई चश्मदीद भी नहीं मिला. यह भी भाजपा से जुड़े रसूखदार और दबंगों के प्रभाव और उनके आतंक, खौफ को दर्शाता है. यहां चार दिन पहले राजेंद्र अहिरवार की हत्या हुई है. इस हत्या के बाद गांव के सभी दलितों के घरों में ताले लगे हैं. हत्या के बाद गांव के सभी दलित अपनी जान की सुरक्षा के लिए यहां से भाग गए हैं. नगर पंचायत के रिकॉर्ड के मुताबिक गांव की आबादी 3520 है, जबकि कुल मतदाता 2150 होना बताया गया है.
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इसमें 112 परिवार अहिरवार समाज के हैं. अब तक आरोपियों की न तो गिरफ्तारी हुई और न ही आरोपियों के घर बुलडोजर पहुंचा. पूरे गांव में दहशत इतनी है कि दलित परिवार के लोग वापस लौटने को तैयार नहीं है. भाजपा के कुछ नेताओं के दबाव में पुलिस है. वह सिर्फ रस्म अदायगी की तरह कार्रवाई कर रही है. इसके पहले दमोह जिले के दलित परिवार के तीन सदस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी गई. नरसिंहपुर जिले के करेली में एक दलित महिला की संदिग्ध अवस्था में लाश मिली, पन्ना जिले में अनुसूचित जाति वर्ग के दो मासूम बच्चों की गला रेत कर हत्या कर दी गई. वहीं खंडवा में 4 साल की बच्ची से गैंगरेप कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया। ये घटनाएं बताती हैं कि प्रदेश में दलित समाज खुद को असुरक्षित समझ रहा है. भारतीय जनता पार्टी से जुड़े लोग निरंकुश होकर दलितों पर अत्याचार कर रहे हैं और पुलिस तमाशबीन की भूमिका में है.
1 करोड़ का मुआवजा देने की मांग
इंदौर शहर महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुनिला मिमरोट ने बताया कि दलितों के उत्पीड़न, शोषण और दमन जैसी घटनाओं को तुरंत रोका जाए. सागर में हुई घटना के आरोपियों को न सिर्फ पकड़ा जाए, बल्कि फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाए, ताकि दोषियों को जल्द सजा मिल सके. पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए. अपनी जान को खतरा देखते हुए गांव छोड़कर चले गए दलितों को पुनः लाकर गांव में ही उनका सम्मानजनक रूप में विस्थापन किया जाए. अगर भाजपा सरकार का दलित विरोधी रवैया बरकरार रहा तो मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होगी.