MP News: इंदौर में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) के दफ्तर के बाहर अभ्यर्थियों ने चार दिनों तक प्रदर्शन किया. रविवार सुबह 5 बजे धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया. रात 3 बजे कलेक्टर आशीष सिंह धरना दे रहे अभ्यर्थियों के बीच पहुंचे. इसके बाद उनसे दो घंटे लंबी बातचीत की. इसके बाद छात्रों ने सामूहिक रूप से धरना खत्म करने का निर्णय लिया. छात्रों की मुलाकात सीएम डॉ. मोहन यादव से हो सकती है.
अभ्यर्थियों की 3 मांगों को माना गया
धरना दे रहे छात्रों की 3 मांगों को मान लिया गया है. इन तीन मांगों में MPPSC छात्रों को MPPSC मुख्य परीक्षा 2019 और दूसरी परीक्षा की कॉपियां छात्रों को दिखाई जाएंगी. दूसरी मांग MPPSC-2025 में ज्यादा से ज्यादा पदों पर भर्ती की जाएगी. तीसरी मांग परीक्षा संबंधी गड़बड़ियों की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी.
छात्रों की एक मांग ये थी कि परीक्षाओं का रिजल्ट 87/13 के फॉर्मूला के आधार पर न जारी किया जाए. रिजल्ट 100 फीसदी के आधार पर जारी हो.
धरने में एक हजार से ज्यादा बच्चे शामिल रहे
चार दिनों तक चले इस धरना प्रदर्शन में एक हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए. इंदौर के अलावा आसपास के जिलों से छात्र शामिल हुए. धरना लगातार 4 दिन तक 24 घंटे चला. छात्रों ने अलग-अलग तरह से प्रदर्शन किया. इसमें कई छात्रों ने धरना स्थल पर ही पढ़ाई की. मातम मनाकर प्रदर्शन किया. पुष्पा मूवी के फेमस डायलॉग फ्लावर नहीं, फायर है; छात्र झुकेगा का इस्तेमाल किया गया.
प्रदर्शन के चौथे दिन खरगोन और रतलाम के दो छात्रों ने अपने खून से तख्तियों पर नारे और मांग लिखकर प्रदर्शन किया. किसी ने वंदेमातरम गाया तो किसी ने क्रांतिकारी गाने गाए.
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प्रदर्शन में शामिल हुए कई नेता
4 दिनों तक चले प्रदर्शन में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, सैलाना विधायक कमलेश्वर डोडियार शामिल हुए. इसके अलावा भोले बाबा ने भजन गाकर प्रदर्शन किया. शनिवार यानी 21 दिसंबर को प्रदर्शन में पहुंचे उमंग सिंघार ने कहा था कि यदि छात्रों की मांगें नहीं मानी जाती हैं तो विधानसभा के आगामी सत्र में मुद्दा उठाएंगे. विधानसभा नहीं चलने देंगे.