MP News: इंदौर में एमआर 4 रोड बनाने के लिए सड़क निर्माण में बाधक बन रहे वर्षो पुराने 14 उद्योगों को शुक्रवार को नगर निगम ने जमींदोज कर दिया. जबकि इस ही सड़क के निर्माण में शासकीय भूमि पर कब्जा कर कई लोग रह रहे है, उन्हे हटाने से पहले निगम द्वारा महज 1 दिन का नोटिस देकर उद्योगों को तोड़ दिया गया. पीड़ित उद्योगपतियों ने जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के अधिकारियों पर गुमराह करने का आरोप लगाया है. निगम की इस कार्रवाई की वजह से कई लोग बेरोजगार हो गए है.
उद्योगपतियों ने किया विरोध
सड़क निर्माण के लिए लोगों के मकान दुकान तोड़ना आम बात है, लेकिन इंदौर में सड़क निर्माण के लिए नगर निगम ने उद्योगों को ही जमींदोज कर डाला. निगम द्वारा की गई इस कार्रवाई का उद्योगपतियों ने विरोध भी किया, लेकिन किसी ने उनकी एक न सुनी.
उद्योगपतियों का ये आरोप
एमआर 4 रोड का 60 प्रतिशत निर्माण काफी पहले हो चुका है. लेकिन जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र पिछले 3 साल से उद्योगपतियों को उनकी इकाई शुरू करने के लिए अलग अलग लोकेशन पर जमीन दिखा रहा है. उद्योगपति भी कहीं भी जमीन लेने को तैयार है, लेकिन उन्हें जमीन नहीं दी गई. यही नहीं सांवेर रोड इंडस्ट्रियल एरिया में जहां ये उद्योग है, उसके नजदीक ही जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र की बड़ी जमीन है, जहां ये उद्योग शिफ्ट किए जा सकते है, लेकिन कोई भी इसमें रुचि नहीं ले रहा.
ऐसा नहीं है कि ये उद्योग पिछले कुछ वर्ष से ही यहां संचालित किया जा रहे हो, इनमें से कई उद्योग ऐसे हैं जो पिछले 50 वर्ष से यहां संचालित किया जा रहे हैं. लेकिन अब अचानक रोड बनाने के नाम पर इन्हें हटाया जा रहा है. जबकि इसी रोड के निर्माण में सरकारी जमीन पर कई बढ़ाएं मौजूद है, उन्हें पहले हटाने की जगह नगर निगम ने उद्योगों को ही हटा दिया. इस बात को लेकर भी उद्योगपति में नाराजगी है.
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कुछ दिन पहले नोटिस मिलती तो हटा लेते सामान
उद्योगपतियों का आरोप है यदि उन्हें कुछ दिन पहले नोटिस दे दिया जाता तो वो अपना सामान शिफ्ट कर लेते. अचानक हुई इस कार्रवाई की वजह से उद्योगों में काम करने वाले हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं, उनकी भी किसी ने चिंता नहीं की. यही नहीं उद्योगों पर बैंक का मोटा कर्ज भी है जिसका नियमित भुगतान भी करना होता है. अब उद्योगपति इकाई बंद होने के बाद बैंक का कर्ज कैसे चुकाएंगे.
वहीं इस पूरे मामले पर नगर निगम डिप्टी कमिश्नर लता अग्रवाल का कहना है. कि यहां एमआर 4 रोड का निर्माण किया जाना है, इस रोड का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा बन भी चुका है, बचे हुए 40 प्रतिशत हिस्से में 17 उद्योग आ रहे है. उनमें से 14 का शुक्रवार को नगर निगम द्वारा रिमूवल कर दिया गया. इसके बारे में उद्योगपतियों को पहले से ही जानकारी है, जिन बिल्डिंगों को तोड़ा जा रहा है, वे खाली पड़ी है.
जमीन के बदले जमीन देने का कोई प्रावधान नहीं
वहीं उद्योगों को इसके स्थान पर दूसरी जमीन देनें के मामले पर जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के महाप्रबंधक एसएस मंडलोई का कहना है कि उद्योगपतियों को जमीन के बदले जमीन देने का कोई प्रावधान नहीं है, उन्हे जो जमीनें दिखाई गई है, उसका फैसला शासन स्तर पर लिया जाएगा.
एमआर 4 रोड इंदौर रेलवे स्टेशन से सीधे एमआर 10 को जोड़ने के लिए बनाई जा रही है. यह रोड पूरी होने के बाद शहर के बीआरटीएस एबी रोड और सांवेर रोड पर ट्रैफिक का लोड काफी हद तक कम हो जाएगा. उधर से आने वाला ज्यादातर ट्रैफिक इस सड़क पर डायवर्ट हो जाएगा. रोड से शहरवासियों को निश्चित तौर पर फायदा होगा, लेकिन उसके लिए उद्योगपतियों का नुकसान करना गलत ही है.