Vistaar NEWS

MP News: बच्चियों को पुलिस से सीधा कनेक्ट करने का प्रयास, इंदौर में कन्या पूजन और भोज करवाते नजर आए पुलिस अधिकारी

In Indore, police officers and employees were seen organizing Kanya Puja and feast.

इंदौैर में पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कन्या पूजन और भोज करवाते नजर आए.

MP News: पुलिस का नाम सुनते ही सामान्य तौर पर एक कड़क व्यक्ति की तस्वीर आंखों में उभर आती है, लेकिन बुधवार को इंदौर में पुलिस का जो स्वरूप देखने को मिला है, उसमें पुलिस का निर्मल हृदय नजर आया है. यहां पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कन्या पूजन और भोज करवाते नजर आए.

इस दौरान बच्चियों को पुलिस की सहजता से अवगत करवाया गया ताकि कभी भी मुसीबत में वे पुलिस की आसानी से मदद ले सके. खाते खिलाते और हंसते हुए पुलिस वालो के चेहरे देखकर बच्चियां भी बहुत सहज हो गई और थाने में कन्या भोज का जमकर लुफ्त लिया.

सृजन नई दिशा नया गगन कार्यक्रम की शुरुआत

वहीं इस मामले पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर अमित सिंह ने कहा कि प्रदेश में बच्चियों के साथ लगातार बढ़ रही वारदातो के बीच बच्चियों को पुलिस से सीधा कनेक्ट करने के उद्देश्य से इंदौर पुलिस द्वारा सृजन नई दिशा नया गगन कार्यक्रम शुरू किया गया है. इसके तहत बच्चियों को पुलिस से सहजता के साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. इससे बच्चियां खुद को सुरक्षित महसूस करेगी

ये भी पढ़ें: पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित गोंड कलाकार दुर्गाबाई BJP में शामिल, CM मोहन यादव ने दिलाई सदस्यता.

माता का आशीर्वाद मिलता रहे

डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा ने बताया कि  ऐसे में नवरात्रि के पावन अवसर पर हर जगह माता का पूजन किया जा रहा है. छोटी बच्चियों को भी माता का स्वरूप ही माना जाता है. नवरात्रि में कन्याओं का माता स्वरूप पूजन करने के बाद उन्हें भोज कराया जाता है, ताकि माता का आशीर्वाद मिलता रहे, यही प्रयास पुलिस भी कर रही है.

वहीं लसुड़िया थाना टीआई तारेश सोनी इस कन्या पूजन और भोज कार्यक्रम का आयोजन लसुड़िया थाने पर किया गया. यहां थाना क्षेत्र की ढाई हजार से अधिक कन्याओं को भोज करवाया गया, जिसमे शासकीय और निजी स्कूल के अलावा क्षेत्र में रहने वाली कन्याए भी शामिल है.

इस तरह के आयोजन से पुलिस के भी समाज में अपनी छवि बदलने में बेहद मदद मिलती है. पुलिस के नाम का खौफ बच्चो में ज्यादा होता है, लेकिन इस आयोजन के माध्यम से कम से कम ढाई हजार बच्चियों के मन में पुलिस अपनी साफ सुथरी पहचान पहुंचाने में कामयाब हुई है. अब ये ढाई हजार बच्चियों अपनी कई सहेलियों के मन में भी पुलिस के छवि को बेहतर कर देंगी. अब यह पुलिस पर ही निर्भर करता है कि वह सिर्फ एक दिन के लिए ऐसी छवि रखेगी या हमेशा ही ऐसी ही रहेगी.

Exit mobile version