Indore News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर में मृगनयनी एंपोरियम के दौरे के दौरान जनजातीय कलाकारों और हस्तशिल्पियों से मुलाकात की. उन्होंने चंदेरी और महेश्वरी साड़ियों की बुनाई देखी और जनजातीय कारीगरों से उनकी कला के बारे में चर्चा की. राष्ट्रपति ने उनकी कलाकारी की तारीफ करते हुए कहा कि जनजातीय संस्कृति और कला को संरक्षित रखने में इन कलाकारों का महत्वपूर्ण योगदान है.
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी परंपराओं को संजोने और आगे बढ़ाने के लिए इन कलाकारों को प्रोत्साहन की जरूरत है ताकि उन्हें रोजगार के अवसर मिल सकें. इस दौरान कारीगरों ने राष्ट्रपति को अपने हस्तशिल्प भेंट किए और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं.
धार जिले के मुबारिक खत्री ने राष्ट्रपति को बाग प्रिंट की जानकारी दी, जो उनकी 11 पीढ़ियों से चली आ रही है. महेश्वर के बुनकर अलाउद्दीन अंसारी ने बताया कि वे हथकरघा साड़ियों पर नर्मदा नदी की लहरों से प्रेरित डिज़ाइन तैयार करते हैं.
गोंड कला की कलाकार पद्मश्री दुर्गा बाई व्याम से मिलकर राष्ट्रपति बहुत प्रभावित हुईं और उनकी कला को प्रोत्साहित किया. वहीं, झाबुआ के कलाकार दंपत्ति रमेश और शांति परमार ने अपनी कपास से बनी गुड़ियों को दिखाया, जिन्हें राष्ट्रपति ने बेहद सराहा.
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राष्ट्रपति ने मृगनयनी एंपोरियम से दो साड़ी ख़रीदी. एक महेश्वरी साड़ी खरीदी और एक कोसा सिल्क साड़ी ख़रीदी और डिजिटल पेमेंट यूपीआई के माध्यम से किया. जिनकी कुल कीमत 33 हज़ार है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी राष्ट्रपति को चंदेरी साड़ी भेंट की.
मृगनयनी एंपोरियम के प्रबंधक बोले- साड़ी को बनने में लगे 25 दिन
मृगनयनी एंपोरियम के प्रबंधक राहुल जगताप ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने कल यहाँ ख़रीदारी की और यहाँ कलाकारों से भी बात की. कलाकारों की कला के बारे में जाना और पूछा कब से वो काम कर रहे है यहाँ. राष्ट्रपति को कल यहाँ चन्देरी, महेश्वरी साड़ी दिखाई गई. यहाँ से उन्होंने 2 साड़ी ख़रीदी. यहाँ राष्ट्रपति ने 20-25 साड़ी ख़रीदी, जिसमे से 2 साड़ी उन्होंने ख़रीदी. साड़ी पर डिस्काउंट भी दिया गया. महेश्वरी की हल्के पिंक कलर की साड़ी ख़रीदी. साड़ी को बनने में 25 दिन लगे. सारी साड़ी पर हैंड वर्क है.