MP News: इंदौर सांसद शंकर लालवानी एक बार फिर हंसी के पात्र बने हैं. इस बार उनकी महीने भर पुरानी एक सोशल मीडिया पोस्ट ने उन्हें हंसी का पात्र बना दिया है. लोकसभा चुनाव 2024 में देश में सबसे अधिक मतों से जीतने पर उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की ओर से सर्टिफिकेट दिया था, जिसमे 18 जुलाई को उनका ब्रिटिश पार्लियामेंट में सम्मान करने की बात भी लिखी थी. लेकिन आज 18 जुलाई गुरुवार को वह इंदौर में ही घूम रहे हैं. इस मामले पर कांग्रेस ने लालवानी से शहर और देश की जनता से माफी मांगने की मांग की है तो वही ब्रिटिश पार्लियामेंट में काम करने वालो का कहना है कि भारत सरकार की अनुमति के बाद ही लालवानी वहा जा सकते हैं.
इंदौर के बीजेपी सांसद शंकर लालवानी ने इस साल हुए लोकसभा चुनाव में 11.75 लाख मतों से एतिहासिक जीत हासिल की है. इसको लेकर उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन द्वारा वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया गया. यहां तक तो ठीक था, लेकिन इस सर्टिफिकेट पर बोल्ड लेटर्स में यह भी लिख दिया गया कि 18 जुलाई को लालवानी का ब्रिटिश पार्लियामेंट, हाउस ऑफ कमंस के चर्चिल रूम में सम्मान किया जाएगा. इस सम्मान के बाद डिनर भी होगा जिसमे दुनिया भर के प्रबुद्ध नागरिक भी शामिल होंगे.
बड़ी बात यह है कि सांसद शंकर लालवानी ने बिना सोचे समझे, बिना तस्दीक किए इस सर्टिफिकेट को इंदौर के लिए गौरव का विषय बताते हुए सोशल मीडिया पर डाल दिया. आज गुरुवार को 18 जुलाई है, लेकिन सांसद शंकर लालवानी इंदौर में घूम रहे है. पहले वह बीजेपी कार्यालय पर बैठक में शामिल हुए, उसके बाद वह बीजेपी नेता सुमित मिश्रा की स्वर्गीय माताजी की याद में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे.
नंदा नगर में है वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड का ऑफिस
कांग्रेस नेताओं ने जब नोटा का रिकॉर्ड बनाने के लिए खुद को वर्ल्ड रिकॉर्ड देने के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन को ई मेल किया तो रिप्लाई में संतोष शुक्ला नामक व्यक्ति का मोबाइल नंबर मिला, उससे बात करने पर पता चला की वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का ऑफिस इंदौर के नंदा नगर में है.
देश का अपमान हुआ: कांग्रेस
शहर के सांसद को मिल रहे सम्मान में शामिल होने की प्रक्रिया जानने के लिए कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिंह यादव ने ब्रिटिश पार्लियामेंट को ई मेल किया तो पता चला कि इसके बारे में वहां किसी को जानकारी ही नहीं है. उन्होंने मामले की जांच करने की बात कहते हुए रिप्लाई किया है. इस प्रकरण को लेकर यादव ने आरोप लगाया है कि लालवानी की वजह से देश का अपमान हुआ है, उन्हे माफी मांगना चाहिए. वह सर्टिफिकेट पूरी तरह से फर्जी है.
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भारत सरकार की अनुमति से ही जा सकते हैं
अब यह भी समझ लीजिए कि ब्रिटिश पार्लियामेंट में सम्मान होने की क्या प्रक्रिया है. 2014 से 2021 तक यूरोपियन पार्लियामेंट में काम कर चुकी मरीना शेख ने बताया कि 17 जुलाई से ब्रिटिश पार्लियामेंट फिर से शुरू हो गई है. यदि वहां किसी का सम्मान किया जाता है तो वहां से संबंधित व्यक्ति के साथ ही भारत सरकार को भी जानकारी दी जाती है. भारत सरकार से अनुमति मिलने के बाद ही कोई सांसद या अन्य संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति सम्मान लेने जा सकता है. अभी ब्रिटिश पार्लियामेंट चल रही है, यदि किसी का सम्मान होना है तो हो सकता है.
15 सितंबर को सम्मानित होने का दावा
बड़ी बात यह है कि सांसद लालवानी अब भी यह मानने को तैयार नहीं कि वह गलत पोस्ट कर बैठे है, उन्हे अभी भी ब्रिटिश पार्लियामेंट में सम्मान होने की उम्मीद है. ब्रिटिश पार्लियामेंट में होने वाले सम्मान को लेकर लालवानी का कहना है कि ब्रिटेन में चुनाव होने की वजह से यह सम्मान कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया गया है. अब सम्मान कार्यक्रम 15 सितंबर को किया जायेगा. जब सम्मान मिल जायेगा तब कांग्रेस को जवाब भी मिल जाएगा.
पहले भी बन चुके हैं हंसी के पात्र
यह पहली बार नहीं है जब शंकर लालवानी हंसी का पात्र बने हो. इससे पहले वह अपनी दो अलग अलग जन्म दिनांक और डिग्री को लेकर भी हंसी का पात्र बन चुके है. इसके बावजूद वह अपने नेचर को बदलने को तैयार ही नही है. लेकिन इस बार उनके उतावलेपन ने देश का नाम ब्रिटिश पार्लियामेंट में खराब कर दिया है. अब उन्हें आगे आकर फर्जी सर्टिफिकेट देने वालो के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाना चाहिए, लोगो से माफी मांगना चाहिए.