MP News: इंदौर में देश भर में स्वच्छता के लिए विख्यात इंदौर शहर अब दुनिया का पहला ऊर्जा साक्षर शहर बनने की तैयारी में है. इसके लिए नगर निगम और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में 100 दिनी अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए दोनों के बीच एमओयू साईन किया जाएगा. इस तरह इंदौर दुनिया का पहला शहर है जहां कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए प्रयास किया जा रहा है.
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पत्रकार वार्ता में कहा कि इंदौर दुनिया में स्वच्छता से अपनी अलग पहचान बना चुका है. अब पर्यावरण संरक्षण में भी इंदौर अपनी पहचान बनाएगा. उन्होने कहा कि नगर निगम और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के सहयोग से शहर को दुनिया का पहला ऊर्जा साक्षर सिटी बनाने का अभियान शुरू होगा. यह 100 दिन का अभियान दिसंबर में शुरू किया जाएगा, जिसके लिए नगर निगम और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के बीच एमओयू साईन किया जाएगा.
तैयार किए जाएंगे 500 वॉलिंटियर्स
इस अभियान का नेतृत्व सोलर मैन ऑफ इंडिया डॉ. चेतन सिंह सोलंकी करेंगे. इस मौके पर एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के डॉक्टर चेतन सिंह सोलंकी ने कहा कि इंदौर की जनभागीदारी से पर्यावरण संरक्षण के लिए 100 दिन का अभियान चलाएगा. इसके लिए 500 वॉलिंटियर्स भी तैयार करेंगे जो पर्यावरण संरक्षण अभियान में हमारी सहायता करेंगे. इस अभियान के तहत रोजाना कई तरह की गतिविधियाँ शहर में आयोजित की जाएगी. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि इंदौर जलवायु मिशन का मकसद ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करना, ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देना और नागरिकों के बीच पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना है.
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महापौर का कहना- उद्देश्य शहर की बिजली खपत में कमी लाना है
इस मिशन के तहत नागरिकों को जीवाश्म ईंधन और कार्बन उत्सर्जन के बीच के संबंध के बारे में जागरूक किया जाएगा. महापौर ने कहा कि मिशन का मुख्य उद्देश्य शहर की बिजली खपत में 7-10 प्रतिशत की कमी लाना और 3 से 5 लाख लोगों को ऊर्जा साक्षर बनाना है. इसमें शैक्षिक संस्थान, व्यवसाय, सरकारी संस्थान और नागरिकों को शामिल किया जाएगा. मिशन का पहला चरण मार्च 2025 तक चलेगा, जिसके बाद इसका दूसरा चरण शुरू किया जाएगा. महापौर ने कहा कि इंदौर का यह प्रयास न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर के शहरों के लिए एक मिसाल बनेगा. जहां जलवायु परिवर्तन के खिलाफ सशक्त कदम उठाए जाएंगे.