सिद्धार्थ कांकरिया-
MP News: प्रदेश के झाबुआ में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे कई ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से आज भी कोसो दूर हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों की क्या स्थिति है. ग्रामीणों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए जान जोखिम में डालते हुए कैसे मुश्किलों भरा सफर तय करना पड़ता है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि लगभग 8 गांव के संपर्क वाला एक छोटा सा नाला थोड़ी ही बारिश में पुल से ओवरफ्लो हो जाता है. ऐसे में ग्रामीणों को अन्य गांवों में जाने के लिए यह नाला पार करना मजबूरी बन जाता है.
मजबूरी में पार करना पड़ रहा नाला
बड़ी बात यह है कि इस नाले को पार करने के लिए गर्भवती महिलाएं, विद्यार्थी, बुजुर्ग सभी मजबूर हैं. झाबुआ जिले के थांदला विकासखंड के देवका पंचायत का यह नाला लंबे समय से बनने के लिए इंतजार कर रहा है. ग्रामीणों ने इस नाले को बनाने के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदार अधिकारियों से बात भी की लेकिन अब तक यह नाला नहीं बन पाया है.
बता दें कि जब नाले पर तेज बहाव रहता है। तब आवागमन पूरी तरह से बंद हो जाता है. लगभग 8 गांव का संपर्क थांदला विकासखंड से टूट जाता है. इन गांवों में मुख्य रूप से रोजिया, खटावला, अलिपुरा, सागा आदि गाँव आते हैं. स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और अन्य आपातकालीन स्थिति को लेकर कई बार ग्रामीणों की जान पर बनती है.
मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे ग्रामीण
ग्रामीणों के अनुसार पुल पर रपट नहीं बनने के कारण कई विद्यार्थी प्राथमिक शिक्षा से भी वंचित रह जाते है. कई बार विद्यार्थियों को लंबे समय तक स्कूल नहीं जाने मिलता है. ग्रामीणों का आरोप है कि चुनाव में वोट लेने के लिए प्रत्याशी इन गांव में अपनी चमचमाती कारों से संपर्क करने के लिए तो जरूर आते हैं. लेकिन चुनाव के बाद वह इस गांव में मुंह तक नहीं दिखाने आते हैं. ग्रामीणों ने मांग की है कि उक्त पुल पर रपट शीघ्र ही बनाई जानी चाहिए ताकि आवागमन सुचारू हो सके.