MP News: मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना सीट से महिला विधायक निर्मला सप्रे (Nirmala Sapre) को लेकर MP PCC चीफ जीतू पटवारी ने बड़ा बयान दिया है. एक दिन पहले ही MP हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने निर्मला सप्रे की विधानसभा सदस्यता को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए विधायक और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) को नोटिस जारी किया था.
कोर्ट का जवाब दे निर्मला सप्रे
बीना विधायक निर्मला सप्रे को नोटिस जारी होने पर मंगलवार को MP PCC चीफ जीतू पटवारी ने बड़ा बयान दिया है. सीहोर पहुंचे जीतू पटवारी ने कहा कि विधायक निर्मला सप्रे से कोर्ट ने जवाब मांगा है. वह अपना जवाब पेश करें क्योंकि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. भारतीय जनता पार्टी के कार्यक्रम में मंच पर जाकर भाषण देने वाली निर्मला जी अपना स्पष्ट जवाब दें और अपना इस्तीफा दें. अगर वह अपना इस्तीफा नहीं देगी तो दल-बदल कानून के अंतर्गत कोर्ट के माध्यम से इस्तीफा लेंगे और चुनाव करवा कर चुनाव जीतेंगे.
जानें पूरा मामला
विधानसभा चुनाव 2024 में सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला सप्रे चुनाव जीतकर कांग्रेस विधायक बनी थीं. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान 5 मई को निर्मला सप्रे राहतगढ़ में CM मोहन यादव के सामने BJP में शामिल हो गईं. 84 दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने अपनी विधायकी से इस्तीफा नहीं दिया.
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उमंग सिंघार ने लगाई याचिका
निर्मला सप्रे को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाई कोर्ट में एक याचिका दयार की थी. इसमें कहा गया था कि MLA निर्मला सप्रे का दल-बदल संविधान की दसवीं अनुसूची का उल्लंघन है. उन्होंने निर्मला सप्रे की विधायकी रद्द करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर से भी इस मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्हें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा.
कोर्ट ने नोटिस किया जारी
इस मामले में सुनवाई करते हुए MP हाई कोर्ट की इंंदौर खंडपीठ ने 9 दिसंबर को विधायक निर्मला सप्रे और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को नोटिस जारी किया है. इस मामले में अगली सुनवाई 19 दिसंबर को होगी.
क्या रद्द हो जाएगी निर्मला सप्रे की सदस्यता?
उमंग सिंघार ने MLA निर्मला सप्रे के खिलाफ याचिका में दल-बदल संविधान की दसवीं अनुसूची का जिक्र किया है. इस कानून के मुताबिक, अगर कोई विधायक अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल होता है, तो उसकी विधायकी रद्द हो जाती है. ऐसे में उसे दोबारा चुनाव लड़ना पड़ता है. अब कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा.
कांग्रेस ने लिया बड़ा एक्शन
बता दें कि 16 दिसंबर से मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शरू हो रहा है. सदन के इस सत्र को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा को यह जानकारी दी है कि विधायक निर्मला सप्रे सदन में कांग्रेस की तरफ से नहीं बैठेगी. पिछले सत्र के दौरान भी निर्मला सप्रे को कांग्रेस ने अपनी तरफ से नहीं बैठाया था.