Gwalior News: ग्वालियर की जीवाजी विश्वविद्यालय में एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था के दावे फेल होते नजर आ रहे है. हालत ऐसे है कि जीवाजी विश्वविद्यालय इस समय मजनुओं का अड्डा बन गया है. जीवाजी विश्वविद्यालय कैंपस में रहने वाली छात्राओं को सुरक्षा का डर सता रहा है इसका कारण यह है कि जीवाजी विश्वविद्यालय परिसर में मजनू और छिछोरे सरेआम घूमते नजर आते हैं यह आवारा मजनू छात्राओं को रास्ते में रोक कर उनसे मोबाइल नंबर मांगते हैं. गाड़ियों में कट मारते हैं और उनसे अश्लील हरकतें भी करते हैं इसको लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन में पुलिस से शिकायत की है. पुलिस अब इस पूरे मामले में जांच की बात कर रहे है.
चर्चा विषय में बना रहता है जीवाजी विश्वविद्यालय
जीवाजी विश्वविद्यालय हमेशा चर्चा में रहता है और एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है जीवाजी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली और हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं इन दोनों बाहरी आवारा मजनुओ से परेशान है. जीवाजी विश्वविद्यालय के परिसर में पूरे दिन भर बाहरी मजनू और आवारा तत्व के युवक बैठे रहते है. छात्रों का कहना है कि रोज आए दिन ऐसे युवक अश्लील कमेंट्स करते हैं जिस कारण क्लासेस रूम से हॉस्टल तक आने में उन्हें डर लगता है इसके साथ ही उनका कहना है कि यहां सबसे ज्यादा आवारा युवकों की भीड़ होती है जो जीवाजी विश्वविद्यालय में नहीं पढ़ते है उन्हे जीवाजी विश्वविद्यालय के कैंपस में भी लगने लगा है. ऐसे आवारा मजनूओ पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
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पुलिस ने छात्राओं से की बात
वहीं जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि छात्रों के द्वारा ऐसी शिकायत मिली है कि कैंपस के अंदर आवारा तत्व के युवक बैठे रहते हैं और छात्राओं के साथ अश्लील हरकत और कमेंट करते हैं जिसके कारण छात्राएं अपने आप को हसरत से महसूस कर रही है इसको लेकर जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने पुलिस से शिकायत की है और यहां पर सुरक्षा बढ़ाई जाने के साथ साथ पुलिस गस्त की मांग की है. वहीं इसको लेकर पुलिस का कहना है कि जीवाजी विश्वविद्यालय के द्वारा मिली शिकायत पर पुलिस ने छात्राओं से बातचीत की है और सुरक्षा का भरोसा दिलाया है.
बहरहाल जीवाजी विश्वविद्यालय कैंपस में लगातार बाहरी आवारा तत्व के युवक और मजनूओ की संख्या लगातार बढ़ रही है. क्योंकि जीवाजी विश्वविद्यालय के द्वारा उनकी पहचान करना मुश्किल है इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि जीवाजी विश्वविद्यालय के द्वारा किसी भी छात्र को आई कार्ड जारी नहीं किया गया है ताकि उनकी पहचान हो सके. ऐसे में इसका फायदा मजनू उठाते हैं और वह जीवाजी कैंपस में बैठे रहते हैं.