MP News: एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रोजगार को लेकर प्रदेश सरकार पर बड़ा हमला बोला है. कमलनाथ ने आरोप लगाया कि डॉ मोहन यादव की सरकार रोजगार के नाम पर सिर्फ पाखंड कर रही है. उन्होंने सोशल मीडिया में ट्वीट करके सीएम मोहन यादव से अपील की है कि युवाओं को रोजगार दिया जाए. इसके साथ ही कमलनाथ ने प्रदेश सरकार द्वारा लगाये गए रोजगार मेलों का भी जिक्र किया है. यहां उन्होंने कम्पनियों द्वारा चयन किये गए 85 प्रतिशत उम्मीदवारों को जॉइनिंग लेटर तक नहीं मिलने का आरोप लगाया है.
कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा- बेरोजगारी एक विकराल समस्या
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, मध्य प्रदेश के नौजवानों के सामने बेरोजगारी एक विकराल समस्या बन गई है. और उससे बड़ी समस्या यह है कि रोजगार देने के नाम पर मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव @DrMohanYadav51 सरकार सिर्फ पाखंड कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रदेश में जो रोजगार मेले लग रहे हैं, वे रोजगार देने में बुरी तरह विफल हैं.
प्रदेश में पिछले डेढ़ साल में 733 रोजगार मेलों का आयोजन किया गया, लेकिन कितने नौजवानों को नौकरी मिली इसका आंकड़ा रोजगार कार्यालय सार्वजनिक नहीं करता?
मीडिया रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि रोजगार मेला में 85 फ़ीसदी युवाओं को ऑफर लेटर मिलने के बाद कंपनियों से इंटरव्यू के लिए कॉल ही नहीं आया. जिस प्रदेश में 3621 एमबीबीएस, 3449 बीडीएस, 16037 एमबीए,122532 इंजीनियर अधिकृत रूप से बेरोजगार हों, वहां समझा जा सकता है कि सामान्य स्नातक या इससे कम पढ़ाई करने वालों की बेरोजगारी के हालात कैसे होंगे?
लेकिन इतनी भयंकर बेरोजगारी होने के बावजूद मध्य प्रदेश की सरकार नौजवानों को सरकारी नौकरी देने या सम्मानजनक रोजगार देने की दिशा में कोई काम नहीं कर रही है. जिन रोजगार मेलों पर सरकारी धन खर्च किया जा रहा है, उनमें भी सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है और युवाओं को रोजगार नहीं दिया जा रहा है.
मध्य प्रदेश के नौजवानों के सामने बेरोजगारी एक विकराल समस्या बन गई है। और उससे बड़ी समस्या यह है कि रोजगार देने के नाम पर मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव @DrMohanYadav51 सरकार सिर्फ पाखंड कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रदेश में जो रोजगार मेले लग रहे हैं, वे रोजगार देने…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 3, 2024
मैं मुख्यमंत्री जी को आगाह करता हूं कि युवाओं के प्रति इस तरह का उपेक्षापूर्ण और उदासीन रवैया प्रदेश के भविष्य को अंधकार में डालने वाला है. मुख्यमंत्री जी को निवेश के झूठे आंकड़े पेश करने की जगह युवाओं को रोजगार देने का ब्लूप्रिंट जनता के सामने जारी करना चाहिए और समयबद्ध तरीके से उसे लागू करना चाहिए.
प्रदेश के नौजवानों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, लेकिन अगर सरकार रोजगार की संभावना स्वयं ही समाप्त कर देगी तो युवाओं को नौकरी और रोजगार कैसे मिलेगा?
मैं विनम्रता पूर्वक आपका ध्यान छिंदवाड़ा की ओर भी दिलाना चाहता हूं जहां पिछले 44 वर्ष के दौरान बड़े पैमाने पर निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम लगाए गए, स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले गए और अभ्यर्थियों को सम्मानजनक रोजगार सुनिश्चित कराया गया. इसलिए जो काम छिंदवाड़ा में किया गया है, अगर सही नियत हो तो पूरे प्रदेश में उसे दोहराया जा सकता है और युवाओं को रोजगार सुनिश्चित किया जा सकता है.
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