Khargone: प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मगर मध्यप्रदेश के खरगोन में 9 महीने तक महिला जज अपनी सेवाएं देती रहीं. उन्होंने एक बार भी अपनी और बच्चे की चिन्ता किए बिना लोगों के साथ न्याय किया. लेकिन बेटी को जन्म देने के बाद वो अपनी ममता से इंसाफ नहीं कर पाईं और इस दुनिया को अलविदा कर गई.
खरगोन में जज के तौर पर पोस्टेड पद्मा राजोरे ने प्रेग्नेंसी के दौरान बिना रुके, बिना थके काम किया. 9 महीने बाद उन्होंने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया लेकिन अपने स्वास्थ्य का ध्यान ना रख सकीं. बेटी के जन्म के बाद जज पीलिया का शिकार हुईं. लगातार बिगड़ती हालत के बीच उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया.
8 जनवरी से मेडिकल अवकाश पर थीं
सीजेएम पद्मा राजौरे डिलीवरी के लिए 8 जनवरी से मेडिकल अवकाश पर थीं. उनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था. हालत गंभीर होने पर 10 जनवरी को उन्हें इंदौर रेफर किया गया. वहां उन्होंने बेटी को जन्म दिया. लेकिन तबीयत बिगड़ने पर जज को वेंटिलेटर पर रखा गया. जहां सीएचएल अस्पताल में निधन हो गया.
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तबीयत बिगड़ने के बाद हुई मौत
जज पद्मा 14 जुलाई 2021 को न्यायालय में न्यायाधीश के पद पर पदस्थ हुई थीं. उन्होंने प्रेग्नेंसी में लगातार नौ माह तक अपनी सेवाएं भी दी. मगर बेटी के जन्म के बाद उन्हें पीलिया हो गया था, जिसके बाद उनकी हालत में सुधार नहीं हो पाया.