Fake voter id card: मध्य प्रदेश साइबर पुलिस ने बिहार से एक युवक को गिरफ्तार किया है. युवक ने फर्जी वेबसाइट बनाकर हजारों वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज बनाए हैं. बिहार के रहने वाले युवक ने मध्य प्रदेश में क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का भी वोटर आईडी बनाया है. साइबर एडीजी योगेश देशमुख ने खुलासा करते हुए कहा है कि यह है नेशनल सिक्योरिटी का इश्यू है. देशमुख ने कहा कि एयरपोर्ट और कई और जगह पर आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज दिखाए जाते हैं. उन्हीं तरह ही युवक ने हूबहू दस्तावेज बनाए हैं. इससे नेशनल सिक्योरिटी का मामला खड़ा होता है.
दरअसल, भोपाल स्थित राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय को मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से 27 मार्च 2024 को यह जानकारी मिली. एडीजी देशमुख ने बताया कि शिकायत संवेदनशील होने के कारण राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता से लिया और इसके बाद राज्य सायबर टीम ने विवेचना शुरू की और बिहार के हरसिद्धि, मोतिहारी, पूर्वी चंपारण में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अलग-अलग स्थानों पर आरोपी की खोज के लिए तकनीकी तथ्यों व ओपन सोर्स इंटेलिजेंस नेटवर्क टूल्स के आधार पर कई लोगों से पूछताछ की. मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर अपराध में प्रयुक्त फर्जी बैंक खातों की पासबुक, एटीएम कार्ड, पेटीएम क्यूआर कोड, सोर्स कोर्ड आदि जब्त किए.
ये भी पढ़ें: MP में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा, अब पूर्व महापौर सुनील सूद ने थामा BJP का दामन
दसवीं पास और 12वीं फेल युवक ने कारनामे को अंजाम
आरोपी रंजन मात्र 10वीं पास है और उसने वेबसाइट बनाने का पूरा कार्य यू-ट्यूब के माध्यम से सीखा. उसने ऑनलाइन माध्यम से सोर्स कोड खरीदा और उसमें परिवर्तन कर फर्जी खाते में रुपए प्राप्त करने लगा. उसने उत्तर प्रदेश से फर्जी सिम ली, पेटीएम व एसबीआई के फर्जी खाते बनाए और डार्कवेब से फर्जी क्रेडिट कार्ड भी बनाया. वेबसाइट तैयार करने के लिए आरोपी ने विदेश में स्थित कंपनी से डोमेन खरीदा, टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी पहचान प्राप्त करके सर्वर स्पेस खरीदा और अमेरिकन सर्वर के माध्यम से इनडायरेक्ट क्लाउड होस्टिंग की. आरोपी हर कम्युनिकेशन के लिए फर्जी ई-मेल का इस्तेमाल करता था.
देशहित में करें अपनी प्रतिभा का उपयोग – एडीजी
एडीजी देशमुख ने कहा कि किसी भी असुरक्षित और फर्जी वेबसाइट पर विजिट करने से बचें. मतदान पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि किसी भी तरह के पहचान-पत्र सदैव शासन द्वारा मान्य या सत्यापित वेबसाइट से ही बनवाएं. नया पहचान-पत्र बनवाने के लिए शासन या विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें. उन्होंने कहा कि नागरिक भी इस तरह की वेबसाइट्स से किसी तरह की फर्जी आईडी न बनाएं, न उपयोग करें और न ही अपने पास रखें. पकड़े जाने पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है. उन्होंने कहा कि युवा भी अपनी प्रतिभा का गलत उपयोग न करें, अपने इस टैलेंट को देश के हित में उपयोग करें.