भोपाल: खजुराहो का नाम आते ही सबसे पहले यहां के भव्य मंदिरों की तस्वीर सामने आती है. कारीगरी के ये बेमिसाल मंदिर जितने भव्य हैं, उतना ही इनका इतिहास भी भव्य है. इन्हीं मंदिरों की तरह भव्य और बेमिसाल हमारा लोकतंत्र है जो लोकसभा चुनाव के बिना अधूरा है. खजुराहो लोकसभा सीट पर दूसरे चरण यानी 26 अप्रैल को चुनाव होंगे.
खजुराहो लोकसभा सीट तीन जिलों छतरपुर, पन्ना और कटनी जिले में फैली है. इस सीट में आठ विधानसभा सीट आती हैं. इन विधानसभा सीटों में छतरपुर जिले की चंदला और राजनगर; पन्ना जिले की पवई, गुन्नौर और पन्ना; कटनी जिले की विजयराघवगढ़, मुरवाड़ा और बहोरीबंद शामिल हैं.
इस सीट पर वर्तमान सांसद बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा हैं. बीजेपी ने वीडी शर्मा पर फिर से भरोसा जताते हुए. आम चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने महागठबंधन के तहत सीट बंटवारा करते हुए समाजवादी पार्टी को खजुराहो सीट दे दी. इस सीट पर समाजवादी पार्टी ने डॉ मनोज यादव को उतारा है. वहीं बीएसपी ने कमलेश पटेल को अपना प्रत्याशी बनाया है.
आइए जानते हैं दोनों उम्मीदवारों के बारे में –
विष्णुदत्त शर्मा – खजुराहो से वर्तमान सांसद
संपत्ति – एक करोड़ रुपये+
आपराधिक रिकॉर्ड – शून्य(0)
वीडी शर्मा वर्तमान में मध्यप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष हैं और खजुराहो लोकसभा सीट से सांसद हैं. वीडी शर्मा संगठन और मुख्य धारा की राजनीति दोनों में काम किया है. शर्मा ने राजनीति में प्रवेश छात्र जीवन में लिया था. कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ राजनीति में भी रूचि लेते थे. एग्रीकल्चर के छात्र रहे वीडी शर्मा आज राजनीति के विशेषज्ञ बन गए हैं.
सबसे पहले वीडी शर्मा ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी. साल 1986 से विद्यार्थी परिषद में सक्रिय हैं. साल 1993 से 94 के बीच प्रदेश मंत्री मध्य भारत, संगठन मंत्री उज्जैन विभाग और ग्वालियर विभाग के प्रमुख की जिम्मेदारियां निभाईं. 2001 से 2005 तक एबीवीपी के प्रदेश संगठन मंत्री पद पर रहे. इसके बाद वीडी शर्मा ने एबीवीपी के राष्ट्रीय सचिव की भूमिका निभाई.
मध्यप्रदेश ही नहीं दूसरे राज्यों में शर्मा ने संगठन में जिम्मेदारियां निभाईं. एमपी और छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय संगठन सचिव के पद की जिम्मेदारी संभाली. 2007 से 2009 तक एबीवीपी के राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर रहे. संगठन स्तर पर कई जिम्मेदारियां निभाने के बाद शर्मा ने 2013 में बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता ली और यहीं से उनका बीजेपी में राजनीतिक सफर शुरू होता है.
साल 2013 से लेकर 2018 तक बीजेपी के विस्तार की जिम्मेदारी मिली. साल 2014 में झारखंड की छह लोकसभा सीट पर शर्मा को चुनाव प्रभारी बनाया गया. इसके अलावा दिल्ली, बिहार और असम में विधानसभा चुनाव के लिए जिम्मेदारी मिली.
वीडी शर्मा ने राजनीति के साथ-साथ कई सारे सोशल मुद्दों पर काम किया इनमें नर्मदा नदी में प्रदूषण के मामले पर, गरीब छात्रों को शिक्षा का अवसर मिले उसके लिए आंदोलन किया है. साल 2016 में एमआईटी पुणे ने यूथ लीडर अवॉर्ड भी दिया.
बीजेपी ने साल 2019 में वीडी शर्मा को खजुराहो लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया. खजुराहो सीट जीतकर शर्मा सांसद बने. इसके बाद साल 2020 में बीजेपी ने वीडी शर्मा को एमपी बीजेपी का अध्यक्ष बना दिया.
मनोज यादव – एसपी उम्मीदवार
संपत्ति – 35 लाख रुपये+
आपराधिक रिकॉर्ड – शून्य (0)
मनोज यादव को समाजवादी पार्टी (एसपी) ने अपना उम्मीदवार बनाया है. खजुराहो सीट INDI गठबंधन के तहत एसपी को मिली है. एसपी के महासचिव मनोज यादव पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया गया है. यादव का राजनीतिक करियर बड़ा नहीं रहा है. संगठन स्तर पर काम किया साथ ही लोकसभा चुनाव 2014 में अपना दम-खम दिखा चुके हैं.
आम चुनाव 2014 में मनोज यादव को विदिशा लोकसभा सीट से एसपी ने अपना प्रत्याशी बनाया था. बीजेपी ने अपना उम्मीदवार सुषमा स्वराज को बनाया था. चुनाव में सुषमा स्वराज ने सात लाख से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की. मनोज यादव मात्र तीन हजार, 293 वोट मिले और नौवें स्थान पर रहे. यादव की जमानत भी जब्त हो गई.
साल 2023 में हुए एमपी विधानसभा चुनाव में पहले एसपी ने छतरपुर की बिजावर सीट से यादव को उम्मीदवार बनाया था. बाद में मनोज यादव का टिकट काटकर रेखा यादव को दे दिया. रेखा यादव ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. इसके बाद एसपी ने उम्मीदवार ही नहीं उतारा.
भोपाल के रहने वाले मनोज यादव मूल रूप से यूपी से हैं. एसपी प्रमुख अखिलेश यादव के करीबी माने जाते हैं. यादव को कई बार अखिलेश यादव के साथ देखा जाता है.
वीडी शर्मा बनाम मनोज यादव
वीडी शर्मा का राजनीतिक सफर लंबा रहा है और संगठन से लेकर मुख्य धारा की राजनीति पर अच्छी खासी पकड़ है. वहीं मनोज यादव का जनाधार नहीं है पिछले चुनाव में भी उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा.
जहां वीडी शर्मा ब्राह्मण वर्ग से आते हैं वहीं मनोज यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं. खजुराहो लोकसभा सीट पर एससी और ओबीसी वर्ग के वोटर्स की संख्या अच्छी खासी है. इस लोकसभा सीट पर करीब तीन लाख पटेल और दो लाख यादव वोटर्स हैं. ध्यान देने वाली बात ये भी है कि इस सीट पर तीन लाख से ज्यादा वोटर्स ब्राह्मण वर्ग से आते हैं.
आम चुनाव 2019 – वीडी शर्मा सांसद बने
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बदल दिया था. नागेंद्र सिंह की जगह वीडी शर्मा को टिकट दिया. इस चुनाव में वीडी शर्मा को आठ लाख, 11 हजार, 135 वोट मिले. वहीं शर्मा के करीबी प्रतिद्वंदी कांग्रेस की उम्मीदवार कविता सिंह को तीन लाख, 18 हजार, 753 वोट मिले. दोनों के बीच की वोट का अंतर लगभग पांच लाख रहा.
खजुराहो सीट का राजनीतिक इतिहास
पिछले 20 साल से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. साल 1999 से 2004 को छोड़ दें तो साल 1989 से ये सीट बीजेपी के पास है. साल 1999 में इस सीट से कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी जीते थे. सबसे ज्यादा चार बार उमा भारती ने इस सीट से चुनाव जीता. साल 1989, 1991, 1996 और 1998 में चुनाव जीतकर सांसद बनीं. साल 1952 से 1967 तक ये सीट कांग्रेस के पास थी. 1967 से 1977 तक खजुराहो सीट निर्वाचन क्षेत्र को खत्म कर दिया गया. साल 1977 में जब चुनाव हुआ तो जनता पार्टी के लक्ष्मीनारायण नायक जीतकर आए.
(SOURCE: myneta.info, digital sansad, mp.bjp.org)