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Lok Sabha Election: मध्य प्रदेश के चुनाव के बीच फिर गायब हुए पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्जिवय और जीतू पटवारी ने मालवा निवाड़ में डाला डेरा

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2019 के चुनाव में भी कमलनाथ हर लोकसभा सीटों में दो बार सभाए की थी लेकिन 2024 के इलेक्शन में कमलनाथ गायब है.

Lok Sabah Election: मध्य प्रदेश के लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेताओं की अजीबोगरीब स्थिति बनी हुई है. कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ फिर मध्य प्रदेश से अचानक लापता हो गए हैं. बतौर स्टार प्रचारक रहते हुए कमलनाथ ने सिर्फ दो लोकसभा सीटों पर दो दिन ही प्रचार किया. इसके बाद एक भी किसी लोकसभा सीट में कमलनाथ के दौरे नहीं हुए हैं. यहां तक कि कमलनाथ मध्य प्रदेश में नजर तक नहीं आ रहे हैं… इधर जब कमलनाथ गायब हो गए हैं तो पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने चौथे चरण के चुनाव में प्रचार की जिम्मेदारी संभाल ली है. प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के साथ दिग्विजय मालवा निवाड़ की लोकसभा सीटों का दौरा कर रहे हैं.
पूर्व सीएम कमलनाथ पहले चरण के चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा में ही फंसे हुए थे. उन्होंने पार्टी आला कमान को जानकारी दे दी थी कि वह छिंदवाड़ा के चुनाव के बाद मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करेंगे. छिंदवाड़ा में चुनाव प्रचार होने के बाद कमलनाथ पिपरिया और बैतूल में सभा की. इसके बाद कमलनाथ का एक भी दौरा और सभा नहीं हुई है. कांग्रेस के भीतर भी सवाल उठाया कि आखिर कमलनाथ बीच चुनाव के दौरान कहां है. जबकि उन्होंने खुद कहा था कि छिंदवाड़ा के चुनाव के बाद पूरे प्रदेश में दौरे करेंगे. फिर आखिर कांग्रेस के अंदर ऐसा क्या चल रहा है कि कमलनाथ बीच चुनाव में गायब हैं. दरअसल कमलनाथ छिंदवाड़ा में बीजेपी के चक्रव्यूह में फंस गए थे. बेटे नकुलनाथ को जीतने के लिए उन्होंने पूरी ताकत छिंदवाड़ा में ही लगा दी. इसके बाद फिर दो लोकसभा क्षेत्र में प्रचार करने के लिए गए. कमलनाथ को घेरने के लिए बीजेपी ने उनके करीबियों का भी सहारा लिया. हालांकि महापौर रहे विक्रम अहाके आखिरी समय में भाजपा छोड़कर कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील कर डाली.

100 से अधिक सभाओं का बनाया था रिकॉर्ड

साल 2023 के चुनाव में कांग्रेस का बेहतर परफॉर्मेंस पहले ही ना रहा हो लेकिन बतौर कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए कमलनाथ ने 100 से अधिक सभाएं की थी. 2019 के चुनाव में भी कमलनाथ हर लोकसभा सीटों में दो बार सभाए की थी लेकिन 2024 के इलेक्शन में आखिर कमलनाथ कहां है. यह सवाल भी कांग्रेस कार्यकर्ता भी पार्टी से पूछ रहे हैं. हालांकि पार्टी का तर्क है कि वह निजी कार्यों की वजह से व्यस्त है.

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अध्यक्ष पद से हटाने के बाद भी सामने आई थी नाराजगी

कमलनाथ की अध्यक्षता में मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने साल 2023 में चुनाव लड़ा. दावा यही किया गया कि कांग्रेस की सरकार बनने वाली है लेकिन जब परिणाम आए तो कांग्रेस के सारे दावे धरे की धरे ही रह गए. मात्र 66 सीटों पर ही कांग्रेस सिमट कर रह गई. इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के पद से कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया और जीतू पटवारी को जिम्मेदारी मिली. इसके बाद से ही कमलनाथ पार्टी से नाराज थे और व्यावसायिक कामकाज का हवाला देते हुए विदेश चले गए. कुछ हफ्तों के बाद लौटे तो बीजेपी में जाने की खबरें भी सामने आई. इस मसले को कमलनाथ के करीबियों ने ही हवा दी. दिन तीन दिनों तक चले पॉलिटिकल ड्रामे के बाद कमलनाथ ने खंडन किया कि वह कांग्रेस में ही रहेंगे.

विवाद सामने आया तो बताया जय वीरू

पिछले साल हुए मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान कमलनाथ और दिग्विजय के बीच आपसी मनमुटाव की बात निकाल कर सामने आई तो कहना पड़ा कि कोई भी बात नहीं है और जय वीरू की जोड़ी है. अब लोकसभा चुनाव के बीच जय गायब है यानी कि कमलनाथ और वीरू दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है.

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