भोपाल: अग्निवीर योजना और उसके युवा हितग्राहियों को लेकर कांग्रेस और भाजपा को यह लगने लगा है कि यह लोकसभा चुनाव में उनकी नैया पार लगाने वाले हो सकते हैं. यही वजह है कि दोनों ही पार्टियां युवाओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के जतन करने में जुटी हैं. न्याय यात्रा के दौरान महाराष्ट्र पहुंचे राहुल गांधी ने जहां अग्नि वीरों के छह माह के सीमित प्रशिक्षण, 4 साल के कार्यकाल और उस पर भी शहीद का दर्जा नहीं देने को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है. इधर, मध्य प्रदेश में सरकार ने कॉलेजों में अग्नि वीर योजना में जाने के उच्च युवाओं के प्रशिक्षण और योजना के परामर्श के लिए प्रशिक्षण की पुख्ता व्यवस्था करने का निर्णय लिया है. यह सारी कवायद सरकार उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत करने जा रही है.
अग्निवीर के प्रशिक्षण के लिए उच्च शिक्षा विभाग होगा नोडल एजेंसी
डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की सरकार ने तय किया है कि अग्निवीर योजना के तहत सेना में जाने वाले अभ्यर्थियों को एमपी सरकार कॉलेजों में ही प्रशिक्षण देगी .अग्निवीर योजना के तहत चिन्हित विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देने के लिए टी.पी.ओ., खेल अधिकारी और एन.सी.सी. अधिकारी को साझा रूप से जुटाया जाएगा. उच्च शिक्षा विभाग हर कॉलेज में इच्छुक छात्रों की तैयार होगी सूची. योजना के विषय में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार किया जाएगा. उच्च शिक्षा विभाग ने एमपी के सभी शासकीय महाविद्यालयों को निर्देश जारी कर दिए हैं.
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न्याय यात्रा के दौरान राहुल ने उठाया सवाल
मुंबई में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के 60वे दिन महाराष्ट्र के दोंडाइचा में एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने चीनी सैनिकों के साथ अग्निवीरों की तुलना करने के साथ अग्निवीर योजना को लेकर केंद्र सरकार से सवाल भी किए. उन्होंने बताया कि चीनी सैनिकों को आधुनिक हथियार चलाने के लिए तीन-चार साल की ट्रेनिंग दी जाती है.
सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल ने पूछा कि अगर हमारे अग्निवारों को सिर्फ छह महीने की ट्रेनिंग दी जा रही है तो क्या वे चीनी सेना का सामना करने में सक्षम होंगे? आप सोच सकते हैं कि यहां क्या हो रहा है? हमारे अग्निवीर बिना ट्रेनिंग के उनके सामने जाएंगे और अपनी जान दे देंगे, लेकिन इसके बावजूद उन्हें शहीद का दर्जा नहीं दिया जाएगा.
राहुल बोले इसलिए जोड़ा न्याय शब्द…
राहुल गांधी ने आगे कहा कि हमारे दूसरे भारत जोड़ो यात्रा में हमने न्याय शब्द जोड़ा है, क्योंकि पहली यात्रा के दौरान हमने जितने किसानों, युवाओं और महिलाओं से मुलाकात की थी, उन सभी ने बताया कि हिंसा और नफरत का कारण अन्याय है. प्रतिदिन 90 फीसदी भारतीयों को अन्याय का सामना करना पड़ता है. मुझे नहीं पता कि इसके बारे में आप लोगों को मालूम है या नहीं, लेकिन भारत में 22 लोगों की संपत्ति, 70 करोड़ लोगों की संपत्ति के बराबर है.