MP News: मध्य प्रदेश सरकार मंगलवार यानी 26 नवंबर को फिर 5 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेगी. लोन की यह राशि दो अलग-अलग कर्ज के रूप में ली जा रही है, जो 2500-2500 हजार करोड़ रुपये की होगी. हाल में वित्त विभाग ने कर्ज लेने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को लेटर ऑफ विलिंगनेस (इच्छा पत्र) भेजा था, जिसे आरबीआई ने मंजूरी दे दी है.
सरकार ने इस साल 20 हजार करोड़ रुपये लोन लिया
मध्य प्रदेश सरकार चालू वित्तीय वर्ष में 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है. भारतीय रिजर्व बैंक से 3 लाख 58 हजार 380 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. सरकार ने गत 22 अक्टूबर को 6 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने की तैयारी कर ली थी. इस बीच मध्य प्रदेश सरकार को केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में केंद्र सरकार से 7 हजार करोड़ रुपये की एक अतिरिक्त किस्त मिल गई थी. जिससे सरकार को कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ी.
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4 लाख करोड़ रुपये हो गई कर्ज की रकम
सरकार अब 5 हजार करोड़ का कर्ज ले रही है. मध्य प्रदेश सरकार पर 31 मार्च, 2024 की स्थिति में 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए का कर्ज था. कर्ज की राशि अब बढ़कर 4 लाख करोड़ के करीब पहुंच गई है. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के शुरुआती चार महीने में कोई लोन नहीं लिया था. सरकार ने एक अगस्त को इस वित्तीय वर्ष का पहला 5 हजार करोड़ रुपये का लेने की औपचारिकताएं शुरू की थीं. 22 अगस्त को की थीं. 22 अगस्त को उसने 5 हजार करोड़ रुपये का दूसरा कर्ज लेने की प्रक्रिया शुरू की. इसके एक महीने बाद सितंबर में 5 हजार करोड़ रुपये का तीसरा कर्ज और 8 अक्टूबर को चौथी बार 5 हजार करोड़ रुपये का लोन ले चुकी है.
इन योजनाओं पर हो रहा है खर्च
मध्य प्रदेश सरकार कई फ्रीबीज की योजनाएं चला रही है. लाडली बहना से लेकर कई योजनाओं में महीने में 1 हजार 500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च हो रही है. ऐसे में राज्य पर बढ़ता बोझ सरकार को कर्ज लेने के लिए मजबूर कर रहा है.