Vistaar NEWS

MP GK: मध्य प्रदेश को कहते हैं नदियों का मायका; यहां की ज्यादातर नदियां गंगा-यमुना में मिल जाती हैं

Chambal river

चंबल नदी

MP GK: मध्य प्रदेश को कई नामों से जाना जाता है. इस सुंदर राज्य को हीरा स्टेट, सोयाबीन स्टेट, हृदय प्रदेश, मध्य भारत जैसे नामों से जाना जाता है. इसके अलावा इसका एक और नाम है ‘नदियों का मायका’.  इसे ये नाम इसलिए मिला क्योंकि यहां की ज्यादातर नदियां दूसरी नदियों में मिल जाती हैं.

मध्य प्रदेश से निकलती हैं 300 से ज्यादा नदियां

प्रदेश से 300 से भी ज्यादा नदियां निकलती हैं. हर हिस्से से एक नदी निकलती है. मैकल के पहाड़ से नर्मदा, सोन और जोहिला सोन. मालवा के पठार से क्षिप्रा, चंबल, बेतवा, पार्वती और कालीसिंध जैसी नदियां निकलती हैं.  इसके अलावा विध्यांचल पर्वत से केन, तमस जैसी नदी निकलती हैं वहीं सतपुड़ा से ताप्ती, तवा, बेनगंगा निकलती हैं.

तीन नदियां जो समुद्र तक रास्ता तय करती हैं

प्रदेश की केवल तीन नदियां ऐसी हैं जो समुद्र तक रास्ता तय करती हैं. इनमें नर्मदा, ताप्ती और माही शामिल हैं. तीनों नदियां अरब सागर में जाकर मिलती हैं. नर्मदा नदी एमपी के पूर्वी हिस्से में स्थित मैकाल पहाड़ से निकलती है.  विंध्याचल और सतपुड़ा के बीच से बहती है. तीन राज्यों एमपी, महाराष्ट्र और गुजरात से बहते हुए खंबात की खाड़ी में गिरती है.

दूसरी नदी है ताप्ती.  इसे पुराणों में सूर्यपुत्री कहा गया है.  ये बैतूल जिले के मुल्ताई से निकलती है.  एमपी और महाराष्ट्र की सीमा बनाते हुए गुजरात में प्रवेश कर जाती है.  गुजरात के दूसरे सबसे बड़े शहर सूरत के बीच से गुजरते हुए अरब सागर में मिल जाती है.

ये भी पढ़ें: मंदसौर में है 1500 साल पुराना भगवान कुबेर का मंदिर, यहां गर्भगृह में कभी नहीं लगता ताला

तीसरी नदी है माही. ये मालवा के पठार के धार जिले के मेहदसागर झील से निकलती है.  इस नदी की कई सारी खासियत है.  ये भारत की इकलौती नदी है जो कर्क रेखा यानी ट्रॉपिक ऑफ कैंसर को दो बार काटती है.  ये नदी एमपी से निकलकर राजस्थान होते हुए गुजरात से गुजरकर अरब सागर में मिल जाती है. इसी नदी के किनारे राजस्थान के वेणेसर में आदिवासी अपना कुंभ मानते हैं.

यमुना और गंगा में मिलती ही नदियां

एमपी की दूसरी सबसे बड़ी नदी चंबल मालवा के पठार से निकलती है और राजस्थान से बहते हुए उत्तर प्रदेश में यमुना नदी में मिल जाती है.  इसी तरह बेतवा, केन भी यमुना में मिल जाती हैं.  प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी नदी सोन पटना के पास गंगा नदी में मिल जाती है.  इसके अलावा तमस नदी भी प्रयागराज के पास गंगा में ही मिलती है.

बड़ी नदियों में दो ऐसी हैं जो दक्षिण की ओर बहती हैं.  इनमें वर्धा जो वर्धन शिखर से निकलती है और दूसरी बेनगंगा है.  ये दोनों नदियां बाद में दक्षिण भारत की सबसे बड़ी नदी गोदावरी में मिल जाती हैं.

इस तरह हम कह सकते हैं कि मध्य प्रदेश नदियों का मायका है. जहां से नदियां निकलती तो हैं पर रुकती नहीं.  ये नदियां या तो दूसरी नदियों में मिल जाती हैं या तो समुद्र में मिल जाती हैं.

Exit mobile version