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MP News: 550 पीएमश्री ई-बसों के लिए अभी करना होगा इंतजार; केंद्र की शर्त ने अटकाया प्रस्ताव, अगले साल मिलने की उम्मीद

Madhya Pradesh will now get PM Shri e-buses by next year

प्रतीकात्मक तस्वीर(AI IMAGE)

MP News: केंद्र सरकार से मिलने वाली पीएम श्री ई-बसें प्रदेश को इस साल के अंत तक मिलना कठिन लग रहा है. इसका कारण प्रदेश से प्रस्ताव देरी से जाना बताया जा रहा है. केंद्र के पास कई अन्य राज्यों से भी प्रस्ताव आए हैं. लिहाजा वह उन राज्यों को पहले बस देगा, जिनके प्रस्ताव पहले आए थे. डिमांड ज्यादा होने के कारण केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है.

केंद्र की शर्त से प्रस्ताव में देरी हुई

साल 2023 में पीएम श्री ई-बस सेवा के तहत केंद्र सरकार ने देशभर में दस हजार ई-बसें चलाने का ऐलान किया था. 57 हजार करोड़ रुपये की लागत से चलने वाली यह बसें शुरुआत में हर राज्य के बड़े शहरों का दी जानी थीं. बड़े शहरों में परिवहन व्यवस्था बेहतर होने के साथ प्रदूषण पर भी लगाम लग सके. इसके लिए मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को 150 मिलनी थीं. इसके अलावा भोपाल सहित जबलपुर और उज्जैन को 100-100, ग्वालियर को 70 और सागर को 32 बसें दिए जाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था.

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बताया जाता है कि केंद्र सरकार की एक शर्त पर वित्त विभाग को आपत्ति थी, जिसके कारण मामला कुछ महीनों के लिए उलझ गया. केंद्र सरकार की शर्त थी कि राज्य अब इंटरसिटी सरकार को कंपनी का भुगतान तय समय पर सुनिश्चित करने की लिखित में अंडरटेकिंग देनी होगी. वित्त विभाग इससे सहमत नहीं था. बाद में नगरीय प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया कि बसों के संचालन में घाटा होने पर वह नगरीय निकायों को मिलने वाले अनुदान से इसकी भरपाई करेगी.

ऐसे होगा शहरी क्षेत्र में बसों का संचालन

अक्टूबर 2023 में बसों के लिए प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया था. तब अन्य राज्यों के प्रस्ताव भी केंद्र सरकार के पास आ गए थे. माना जा रहा है कि अब अगले साल ही प्रदेश को ई-बसें मिल पाएंगी. जो बसें प्रदेश सरकार को मिलनी हैं, उनमें स्टैंडर्ड बसें, मिडी बसें और मिनी बसें शामिल हैं. इनमें स्टैंडर्ड बसों को 24 रुपये प्रति किलोमीटर, मिडी बसों को 22 और मिनी बसों को 20 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान होना है.

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इंटरसिटी रूट के 5 शहरों से 22 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी

यह बसें भोपाल से चलने वाली 100 ई-बसों के अलावा होंगी. इसकी मॉनीटरिंग नगर निगम की होल्डिंग कंपनी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड करेगी. इसकी फंडिंग अमृत योजना के तहत हो रही है. बीसीएलएल(BCLL) अधिकारियों के मुताबिक बस संचालन के लिए ऑपरेटर की तलाश शुरू कर दी है. इसके लिए बीसीएलएल(BCLL) ने टेंडर जारी किया है.

साल 2030 तक पेट्रोल-डीजल की निर्भरता को शून्य करने के लिए इलेक्ट्रिफिकेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी प्रोजेक्ट के तहत भोपाल चलने वाली इंटरसिटी बसों के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने की तैयारी चल रही है. बीसीएलएल(BCLL) के मुताबिक इंदौर – उज्जैन, सागर, बैतूल और हरदा रूट पर 22 इलेक्ट्रिक बसें संचालित होंगी. यह अमृत योजना का हिस्सा हैं. इसके लिए सेंट्रल से फंडिंग हो रही है.

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