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MP News: ग्वालियर के जेएच ट्रामा सेंटर में AC फटने से बड़ा हादसा, एक मरीज की मौत, ट्रामा सेंटर में भर्ती थे 10 मरीज

A big explosion occurred due to AC fire in a hospital in Gwalior.

ग्वालियर के एक अस्पताल में एसी में आग लगने से बड़ा धमाका हो गया.

MP News: ग्वालियर चंबल संभाग की सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल के ट्रामा सेंटर के आईसीयू में मंगलवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया है. जहां अस्पताल में एसी फटने से  एक मरीज की मौके पर ही मौत हो गई. जिसके चलते पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया. जबकि अस्पताल के उसी वार्ड में 10 मरीज भर्ती थे. अस्पताल प्रबंधन को आग लगने से विस्फोट होने की जानकारी मिलते ही प्रशासन के वरिष्ठ अफसर ने कहा कि यह घटना कैसे हुई इसकी पूरी जांच हमारा प्रबंधन करेगा, साथ ही अब सुरक्षा के इंतजाम पर भी खास नजर रखी जायेगी. वहीं उसी वार्ड में भर्ती अन्य 9 मरीजों को प्रबंधन द्वारा दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया है.

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क्या है पूरा मामला

दरअसल, मंगलवार की सुबह करीब 7 बजे ग्वालियर के जाने माने जेएच अस्पताल के ट्रामा सेंटर के एक वार्ड में लगी सीलिंग एसी में आग लग गई. आग लगने से एसी फट गया और विस्फोट होने से वार्ड में भर्ती आजाद नाम के एक मरीज की मौके पर ही मौत हो गई. जब प्रबंधन के आदेश पर मरीज को वेंटीलेटर पर रखा गया,और बाद में डाक्टरों ने जब उसकी इसीजी कराई तो जांच में मरीज की मौत हो चुकी थी. इस घटना के तुरन्त बाद प्रबंधन के आदेश पर आग पर काबू पाया गया साथ ही साथ सुरक्षा के इंतजाम भी कड़े कर दिये गये हैं. वहीं वार्ड में भर्ती अन्य 9 मरीज को भी प्रबंधन द्वारा फौरन ही सुरक्षित रूप से दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिए गए हैं.

परिजनों ने लगाया ऑक्सीजन न मिलने का आरोप

शिवपुरी जिले के रहने वाले जिस पेशेंट की इस दौरान मौत होना बताया जा रहा है उनके परिजनों का कहना है कि आगजनी के दौरान ऑक्सीजन न मिलने के चलते उनके मरीज की मौत हुई है. वही इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान का कहना है कि आग लगने के बाद तत्काल अस्थाई आईसीयू तैयार कर वहां पर मरीजों को शिफ्ट किया गया था. फिर भी आगजनी की घटना को सामान्य नहीं लिया जा सकता ऐसे में इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं

गौरतलब है कि शासकीय अस्पतालों में आगजनी का यह कोई पहला मामला नहीं है पूर्व में भी मध्य प्रदेश के कई शासकीय अस्पतालों में इस तरह की आगजानी की घटनाएं हो चुकी हैं और ज्यादातर देखा गया है कि वहां फायर सेफ्टी से जुड़े संसाधनों का अभाव या फिर एक्सपायर होना पाया गया था, ऐसे में एक बार फिर फायर सेफ्टी नॉर्म्स के पालन में जो लापरवाही सामने आई है उस लिहाज से देखना होगा कि मामले में किस तरह का एक्शन लिया जाता है.

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