MP News: मध्य प्रदेश के वित्त वर्ष 2025-26 के लिए इस बार जीरो बजट की प्रक्रिया के तहत सरकार विभिन्न विभागों से एक-एक योजना की जानकारी मंगा कर उनकी समीक्षा कर रही है. इस समीक्षा में उस योजना की उपयोगिता के साथ उपलब्धि पर भी विचार किया जा रहा है. विभागों से पूरे साल का किए जाने वाले कामों का बजट अनुमान भी मांगा गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक में बजट की तैयारियों को लेकर इस समय उपसचिव स्तर की बैठकें चल रही हैं. मार्च में आने वाला बजट इस बार चार लाख करोड़ रुपये के आसपास का हो सकता है. इसके लिए जनता से भी सुझाव मांगे जा रहे हैं. इन सुझावों के बाद बजट में कुछ नई योजनाएं या नए काम भी जुड़ सकते हैं. फिलहाल बजट को लेकर उपसचिव स्तर की बैठकें कर हर विभाग की योजनाओं और खर्च की जानकारी पर बात हो रही है. इसके बाद इसे सचिव स्तरीय बैठक और मंत्रिस्तरीय बैठक में रखा जाएगा. इसके बाद इसे अंतिम रूप देकर मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा.
ये भी पढ़ें: निर्मला सप्रे के पास आखिरी मौका; विधानसभा सचिवालय में देना होगा जवाब, कांग्रेस की मांग- कार्रवाई की जाए
लाडली बहना की राशि को दी जाएगी प्राथमिकता
लाड़ली बहनों को दी जा रही राशि में अभी 18 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इसी तरह सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए दिए जाने वाले अनुदान के लिए विभिन्न विभागों बजट में 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रवधान रखा जाएगा. इंफ्रा प्रोजेक्ट के कार्यों को गति देने की प्राथमिकता को पूरा करने के लिए पूंजीगत व्यय 70 हजार करोड़ रुपये से अधिक किया जाएगा. वित्त विभाग की संचालक, बजट तन्वी सुन्द्रियाल ने सभी विभागों को बजट की अंतरिम सीमा दी है ताकि इसके अनुसार प्रस्ताव तैयार कर सकें. बता दें कि वर्ष 2024-25 का बजट तीन लाख 65 हजार करोड़ रुपए से अधिक का है.
10 हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट
16 दिसंबर से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. ये बजट 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है. इसके साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 के बजट की तैयारी भी विभागों ने प्रारंभ की दी है. वित्त विभाग ने सभी विभागों को प्रस्ताव तैयार करने के लिए उन्हें दी जाने वाली अनुमानित राशि भी बता दी है ताकि वे प्रस्ताव उसके अनुरूप ही तैयार करें.
ये भी पढ़ें: पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवा ने प्रदेश में बढ़ाई सर्दी; जानें अगले 2-3 दिन कैसा रहेगा मौसम
64 फीसदी हो सकता है महंगाई भत्ता
प्रदेश के कर्मचारियों को भले ही अभी 50 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता दिया जा रहा है पर आगामी वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर 64 प्रतिशत हो जाएगा. इसके हिसाब से सभी विभागों को स्थापना व्यय में प्रावधान करके रखना होगा. इसी तरह संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में चार प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के हिसाब से प्रावधान रहेगा.