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MP News: MP में 11 महीने में तीसरी बार मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें, कमलेश शाह की लगेगी लॉटरी या नए चेहरे होंगे शामिल?

MP-Vidhansabha

एमपी विधानसभा (फोटो- सोशल मीडिया)

MP News: विजयपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी रामनिवास रावत को वन मंत्री रहते उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है. रावत कांग्रेस के मुकेश मल्होत्रा से चुनाव हार गए. इससे भाजपा को बड़ा झटका लगा है. चुनाव परिणाम आने के कुछ घंटे बाद ही रामनिवास रावत ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. रावत के मंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं.

सीएम के भारत लौटने पर शुरू होगी कवायद

यदि मंत्रिमंडल विस्तार होता है तो विधायक कमलेश शाह को मंत्री बनाया जा सकता है या नए चेहरे कैबिनेट में शामिल होंगे. यह बड़ा सवाल है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार यानी 24 नवंबर को यूके व जर्मनी के दौरे पर रवाना हो गए हैं. वे एक दिसंबर को भारत वापस आएंगे. इसके बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर फैसला होगा. लोकसभा चुनाव के दौरान अप्रैल 2024 में तत्कालीन कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत भाजपा में शामिल हो गए थे. उन्होंने 8 जुलाई को मंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्हें वन एवं पर्यावरण मंत्री बनाया गया था.

उनके इस्तीफे से खाली हुई विजयपुर सीट पर हुए उपचुनाव में रावत को हार का सामना करना पड़ा. उन्होंने चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इस तरह रावत 138 दिन मंत्री रहे. बड़ा सवाल यह है कि रावत के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वन एवं पर्यावरण विभाग का जिम्मा किसे मिल सकता है.

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कमलेश शाह चार महीने से कर रहे हैं मंत्री बनने का इंतजार

कमलेश शाह को मंत्री बनने की आस बंधी है. अमरवाड़ा से विधायक कमलेश शाह ने लोकसभा चुनाव के दौरान मार्च में कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वॉइन की थी. भाजपा ज्वॉइन करने के साथ ही उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाने का आश्वासन दिया था, जिससे शाह भाजपा में शामिल हुए थे. अमरवाड़ा में जुलाई में हुए उपचुनाव में कमलेश शाह ने जीत दर्ज की थी. तभी से उन्हें मंत्री बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं लेकिन रावत को मंत्री बनाए जाने से पार्टी नेताओं की नाराजगी को देखते हुए शाह को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई. अब रामनिवास रावत चुनाव हार गए हैं इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जा रही हैं. जिससे कमलेश शाह को मंत्री बनने की आस बढ़ गई है.

मंत्री के रूप में एक भी सत्र अटेंड नहीं कर पाए रावत

रामनिवास रावत ने 8 जुलाई को मंत्री पद की शपथ ली थी. वे 138 दिन मंत्री रहे लेकिन मंत्री रहते उन्हें विधानसभा का सत्र अटेंड करने का मौका नहीं मिला. उनके मंत्री बनने के बाद पहला सत्र 16 दिसंबर से शुरू होगा. इससे पहले उपचुनाव हारने के बाद रावत ने मंत्री पद छोड़ दिया है.

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कैबिनेट में 4 मंत्री हो सकते हैं शामिल

विधायकों की संख्या के अनुसार मोहन सरकार की कैबिनेट में मुख्यमंत्री के अलावा 34 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. मोहन कैबिनेट में 31 मंत्री थे. रामनिवास रावत के चुनाव हारने के बाद मंत्रियों की संख्या 30 बची है. इस तरह कैबिनेट में अभी 4 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है. पार्टी के कई विधायक मंत्री बनाए जाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं.

क्या होगा रावत का राजनीतिक भविष्य ?

रामनिवास रावत करीब 7 महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. मप्र सरकार में उन्हें वन मंत्री बनाया गया था लेकिन उपचुनाव में हार के बाद रावत के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं. राजनीति के जानकारों का कहना है कि कांग्रेस से 6 बार विधायक रहे रावत अब कांग्रेस में तो वापस जाने से रहे. अब भाजपा में रहकर आगे की राजनीति करना उनकी मजबूरी है. हालांकि चुनाव हारने के बाद भाजपा में उनकी आगे की राह आसान नहीं होगी. उन्हें किसी निगम, मंडल में अध्यक्ष बनाया जा सकता है.

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