मनोज उपाध्याय-
MP News: मुरैना जिले में आगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति कुछ सही नहीं है. गंजरामपुर गांव में आंगनवाड़ी क्रमांक 163 का भवन पूरी तरह जर्जर छत से टप-टप टपक पानी टपक रहा है. हालात ये है कि यहां का रसोई घर पूरी तरह से जर्जर हो गया है. कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं कार्यकर्ता की काफी शिकायत करने के बाद भी अधिकारी फरियाद नहीं सुन रहे हैं. भवन में रखी दवा पानी से पूरी तरह भीग गई है. यहां कभी भी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के साथ बच्चों के साथ बड़ा हादसा भी हो सकता है.
यहां है पूरा मामला
जिला मुख्यालय से 5 किलोमीटर दूर गंजरामपुर गांव में आंगनवाड़ी केंद्र क्रमांक 163 का भवन पूरी तरह से जर्जर बना हुआ है बरसात से छत से ऐसे पानी टपक रहा है जैसे किसी ने छत में छलनी लगा दी हो. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने जमीन पर कमरे में खाना खाने वाली प्लेट बाल्टी और तत्सल रखकर ऊपर से टपकने वाले पानी को एकत्रित कर रही है. जब यह पानी से भर जाते हैं तो एक-एक कर बाहर पानी निकाल कर फेंकती है. भवन में रखी दवाइयां सामान पूरी तरह से नष्ट हो गया.
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कार्यकर्ता ने कहा- नहीं हो रही कोई सुनवाई
आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 163 गंज रामपुर की कार्यकर्ता लक्ष्मी शर्मा ने बताया की हम कई वर्षों से भवन और रसोई घर की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से कर रहे हैं. मेरी बेटी ने भी वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की कहा की भवन गिर गया तो मेरी मां के साथ हादसा हो सकता है, आप इसे सही कर दे लेकिन किसी ने फरियाद नहीं सुनी.
जवाब में अधिकारियों ने कहा कि नौकरी छोड़ दे मैंने कहा नौकरी नहीं छोडूंगी. मैं मरती हूं तो मर जाऊं लेकिन बच्चों को कुछ नहीं होने दूंगी. लक्ष्मी शर्मा ने बताया स्कूल के मैदान में बाहर खाना खिलाकर बच्चों कर छुट्टी कर देता हूं. डर लगता है की भवन कहीं गिर ना जाए इसलिए बच्चों को नहीं बैठाती.
लक्ष्मी ने आगे बताया कि बड़ा भवन में बरसात में पानी टपक रहा है मैं सुबह से इस पानी को बाहर निकल रही हूं. जो भवन में दवाइयां और अन्य सामान रखा था वह भी पूरा भीग गया है. मैंने कई बार फरियाद की लेकिन किसी ने मेरी सुनवाई नहीं की मैं शिकायत करती हूं तो अधिकारी कहते हैं नौकरी छोड़ दो और घर बैठो.
परिजनों का कहना- हम बच्चों के साथ जाते हैं
बच्चों की भविष्य को देखते हुए विस्तार न्यूज़ की टीम ने ग्रामीण रमाकांत शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता लक्ष्मी शर्मा बच्चों को घर से लेकर आती है तो साथ भेजने में हमें भी डर लगता है. हम अपने बच्चों के साथ आते हैं और बच्चों को भवन से बाहर स्कूल के मैदान में खाना खिलाकर अपने बच्चों को सुरक्षित घर ले जाते हैं. आंगनबाड़ी भवन परसों से जर्जर हालत में है. हम अपने बच्चों के साथ रिस्क नहीं लेना चाहते. जल्द इस भवन को परिवर्तित नहीं किया गया तो गांव का एक भी बच्चा आंगनबाड़ी केंद्र में नहीं आएगा.
अपर कलेक्टर बोले- आंगनबाड़ी केंद्र को जल्द करवाएंगें शिफ्ट
वहीं जब इस बात को लेकर अपर कलेक्टर चंद्रचूड़ प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैं आपके माध्यम से आंगनबाड़ी से वीडियो देखा है जिसका भवन पूरी तरह जर्जर ऐसे भवनों में आंगनबाड़ी केंद्र चलाना खतरे से खाली नहीं है. मैं इस पर संज्ञान लेते हुए महिला बाल विकास की डीपीओ उपासना राय को निर्देशित कर भवन का निरीक्षण करवा कर यहां से आंगनबाड़ी भवन को दूसरी जगह शिफ्ट करवाने की बोलता हूं. इसे जल्द से जल्द शिफ्ट करवा दिया जाएगा.