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MP News: कृषि मंत्री के गृह जिले में खाद के लिए दर-दर भटक रहे किसान, सुबह से लाइन लगा लेते हैं किसान

MP News Farmers have been waiting in line day and night for two-three days.

किसान दो-तीन दिन से दिन-रात लाइन में खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं.

MP News: मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में बाढ़ और बारिश ने किसानों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया था और अब प्रशासन का सिस्टम उन्हें परेशान कर रहा है. प्रदेश के कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना के गृह जिले मुरैना में खाद की इतनी किल्लत है कि किसान दो-तीन दिन से दिन-रात लाइन में खड़े होकर इंतजार कर रहा है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है. जिले में खाद को लेकर हालत इतनी बिगड़े हुए है कि किसान और महिलाएं 12-12 घंटे तक लाइन में लगे हुए है लेकिन उन्हें यह खाद नसीब नहीं हो पा रही है.

कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना का गृह जिला है मुरैना

प्रदेश के कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना के गृह जिले मुरैना में यह हालात सिर्फ एक या दो दिन के नहीं बल्कि पिछले 15 दिनों से यही तस्वीर देखने को मिल रही है जो सिस्टम पर कई सवाल खड़ी कर रही है. खाट के लिए पिछले कई दिनों से इंतजार कर रही महिलाएं अपने बच्चों और परिवारों के लिए बिना खाना बनाए सुबह ही निकल आती है और दिनभर लाइन में खाद के लिए खड़ी रहती है.

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महिला किसानों का कहना- घर पर बच्चे भूखे रहते है

महिला किसानो का कहना है कि वह सुबह 7:00 बजे ही वह घर से खाद लेने के लिए निकल आती है इस दौरान घर पर बच्चे भूखे रहते हैं और वह खुद भूखी रहकर दिनभर लाइन में खड़ी रहती है. वहीं यही हालत किसने की भी है जो पिछले चार दिन से भूखे प्यासे यहां पर खाद के लिए पड़े हुए हैं ना तो इन्हें पानी नसीब हो पा रहा और न हीं एक बोरी खाद के लिए वह खाना खाने घर पर जा पा रहे है. किसानों का आरोप है कि प्रशासन की मिली भगत के कारण खाद ब्लैक में बेची जा रही है एक-एक व्यक्ति 20-20 कट्टे लेकर यहां से गुजर रहा है लेकिन इन किसानों के लिए एक बोरी प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं हो पा रही है.

सुबह 4 बजे से टोकन लेने के लगा लेते हैं लाइन

दरअसल, किसानों को रवि की फसल बोबनी करनी है. जिसके लिए उन्हें डीएपी और यूरिया खाद की आवश्यकता है. यहीं वजह है कि वह खाद के लिए खाद वितरण केंद्र पर सुबह 4 बजे से आ करके टोकन के लिए लाइन लगा लेते है. जिससे उन्हें टोकन मिल जाए तो वह खाद उठा सके, लेकिन यहां तो उन्हे चार दिनों में भी टोकन मिल ही नही पा रहा है. टोकन किसानों की जगह खाद की कालाबाजारी करने वाले दलाल पहले ही लेकर चले जाते हैं. वहीं इसको लेकर जब मुरैना तहसीलदार कुलदीप दुबे से सवाल किया तो वह गोल-गोल जवाब देते हुए नजर आए.

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