मनोज उपाध्याय-
MP News: मुरैना जिले की क्वारी नदी का पानी दूषित होने पर दिमनी के पास हजारों मछलियों की मौत हो गई. मछलियों की मौत की खबर पाकर प्रशासन अलर्ट मोड़ पर आ गया. प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम की टीम हाइवे पर स्थित गुप्ता सॉल्वेंट फैक्ट्री में पहुंचा और वहां जांच की. अब जिला प्रशासन फैक्ट्री संचालक को नोटिस जारी कर रहा है.
यह है पूरा मामला
जिले के दिमनी थाना इलाके के पास क्वारी नदी के ग्रामीणों ने प्रशासन को सूचना दी कि पानी प्रदूषित होने पर हजारों मछलियों की मौत हो गई है. प्रशासन को यह भी शिकायत मिली कि हाइवे पर स्थित गुप्ता सॉल्वेंट से निकलने वाले को नदी में छोड़ा जाता है, इसलिए नदी का पानी विषाक्त हो गया है.
ग्रामीणों की शिकायत के बाद हुई कार्रवाई
ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रभारी कलेक्टर डॉ. इच्छित गढ़पाले ने संयुक्त कलेक्टर शुभम शर्मा, डिप्टी कलेक्टर मेघा तिवारी, पॉलूशन कंट्रोल बोर्ड और नगर निगम की टीम को फैक्ट्री में भेजा,संयुक्त कलेक्टर व डिप्टी कलेक्टर ने फैक्ट्री के अंदर जा कर देखा. अंदर का नजारा देकर सभी हैरान रह गए. परिसर में गंदगी मिली, जिसको लेकर संयुक्त कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की. प्रशासन ने उस बात की भी जानकारी ली कि फैक्ट्री से निकलने वाला पानी कहां और कैसे डिस्चार्ज किया जाता है.
बता दें कि, मुरैना जिले की आधा दर्जन से अधिक फैक्ट्री से निकलने वाला गंदा पानी कुंवारी और आसन नदी में छोड़ा जाता है. इसलिए इन दोनों नदियों का पानी तो दूषित हो रहा है इसके अलावा जलीय जीवों की मौत भी लगातार होती है. हालांकि जिला प्रशासन अब कार्यवाई करने के मूड में नजर आ रहा है. फैक्ट्री पर अधिकारियों को भेजकर जांच करने की बात कही जा रही है. अधिकारियों ने नेशनल हाईवे 44 स्थित गुप्ता सॉल्वेंट के यहां तो छापा मार करवाई की ओर फैक्ट्री के अंदर जमा गंदा पानी और काफी गंदगी मिली है. ग्रामीणों की माने तो जब से फैक्ट्री का संचालन किया जाता है इससे निकलने वाला गंदा पानी नदी में फैक्ट्री संचालक द्वारा छोड़ा जाता है जिससे पूर्व में भी कई बार जलीय जीवों के साथ-साथ पशुओं की भी मौत हुई है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने की जांच
दरअसल इस पूरे मामले के बाद संयुक्त कलेक्टर,डिप्टी कलेक्टर के समक्ष प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने कहा कि फैक्ट्री के पानी के डिस्चार्ज पॉइंट व नदी तक की स्थिति को चेक करेंगे. वहीं संयुक्त कलेक्टर के निकलने के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम प्लांट के अंदर पहुंची और फैक्ट्री की छत पर पहुंचकर फोटो, वीडियो बनाए और प्रबंधन से बातचीत की. लेकिन सूत्रों की माने तो ग्रामीणों ने आरोप लगाए की प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी फैक्ट्री संचालकों से मिले हुए हैं और वह कार्यवाई नहीं करते हैं.
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देर तक गेट पर ही रुकी रही कलेक्टर सहित अधिकारियों की गाड़ी
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि फैक्ट्री का निरीक्षण करने के लिए संयुक्त कलेक्टर व डिप्टी कलेक्टर की गाड़ी फैक्ट्री के गेट पर पहुंची. लेकिन वहां करीब दस मिनट तक अधिकारियों का इंतजार करना पड़ा. बाद में जब चालक ने सायरन बजाया और बताया कि साहब आए हैं. लेकिन उसके बाद भी स्टाफ ने गेट नहीं खोला. जब अंदर तक सूचना पहुंच गई. उसके बाद गेट पर गार्ड को गेट खोलने की अनुमति मिली. तब गाड़ी अंदर प्रवेश कर सकी.
गुप्ता सॉल्वेंट फैक्ट्री में गंदगी और गंदा पानी मिला
प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि गुप्ता सॉल्वेंट फैक्ट्री के अंदर काफी गंदगी और गंदा पानी मिला है इसके सैंपल लिए जाएंगे 5 से 10 दिन बाद जब सैंपल रिपोर्ट आएगी. उसके बाद फैक्ट्री संचालक के खिलाफ कार्यवाई की जाएगी. हालांकि प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों का रुख फैक्ट्री संचालक के पक्ष में ज्यादा देखने को मिल चुके फैक्ट्री संचालक और प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों की साथ गांठ लंबे समय से चल रही है. इसलिए फैक्ट्री संचालक पर अभी तक कोई कार्यवाई नहीं हो पाई है जब कि इससे पूर्व में भी कई बार मछलियां और पशुओं के मौत के मामले सामने आए हैं. इसकी शिकायत भी ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से की थी लेकिन प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी मामले को फैक्ट्री संचालकों के हिसाब से रफा-दफा कर देते हैं.