MP News: प्रदेश के करीब सवा लाख संविदा कर्मचारियों की सीपीआई इंडेक्स के आधार पर वार्षिक वेतन वृद्धि लगेगी. तीन माह निकल जाने बाद भी वित्त विभाग ने सीपीआई इंडेक्स जारी नहीं किया है. सीपीआई इंडेक्स और वेतन वृद्धि नही देने से संविदा कर्मचारियों को प्रतिमाह 2 से 8 हजार रुपए का घाटा हो रहा है.
कर्मचारी संगठनों ने सीपीआई इंडेक्स जारी करने के लिए मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन और वित्त विभाग को ज्ञापन सौंपा है . मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि 22 जुलाई 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग ने नवीन संविदा नीति जारी की थी. संविदा नीति में स्पष्ट है कि सातवें वेतनमान के अनुसार समकक्षता निर्धारण के पश्चात नीति के बिंदु क्रमांक 4.4 के अनुसार वित्त विभाग संविदा कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के लिए प्रतिवर्ष एक अप्रैल को सीपीआई इंडेक्स जारी किया जाएगा और वेतन वृद्धि दी जाएगी लेकिन तीन माह बीतने के बाद भी वित्त विभाग ने सीपीआई इंडेक्स जारी नही किया है और ना ही वेतन वृद्धि के आदेश जारी किए गए हैं. कर्मचारी संगठनों ने पत्र लिखते हुए महंगे टमाटर और दाल का भी जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि टमाटर और दाल महंगी हो गई है लेकिन अब तक सरकार ने संविदा कर्मियों के वेतन भत्तों में बढ़ोतरी नहीं की है.
प्रतिमाह 2 से 8 हजार रुपए का हो रहा घाटा
सीपीआई इंडेक्स और वेतन वृद्धि नहीं देने से संविदा कर्मचारियों को प्रतिमाह 2 से 8 हजार रुपए का घाटा हो रहा है. संघ ने सीपीआई इंडेक्स जारी करने व वेतन वृद्धि की मांग को लेकर मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री, मुख्य सचिव, प्रशासन और वित्त विभाग के प्रमुख सचिव को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें जल्द ही सीपीआई इंडेक्स जारी कर वेतन वृद्धि देने की मांग की गई है.
सीपीआई इंडेक्स क्या है
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई इंडेक्स) आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े केंद्र सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मासिक आधार पर प्रतिमाह जारी किए जाते हैं. यह आंकडे वार्षिक भी होते हैं. इसमें सालभर की कितनी महंगाई बढी है. संविदा कर्मचारियों के मामले में वर्तमान में सीपीआई इंडेक्स पांच फीसदी है. इस आधार पर वेतन वृद्धि की जाना है.