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MP News: सरकार के सामने हर साल 70 हजार से ज्यादा भर्ती करने की चुनौती, अभी 67 हजार युवाओं को मिली सरकारी नौकरी

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प्रतीकात्मक चित्र

MP News: मध्य प्रदेश के तत्कालीन सीएम शिवराज ने दो चरणों में डेढ़ लाख सरकारी पदों पर भर्ती का ऐलान किया था. उन्होंने पहली बार 15 अगस्त, 2022 को घोषणा की कि एक साल के भीतर एक लाख सरकारी रिक्त पदों पर भर्ती होगी. इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल ही रही थी कि शिवराज सिंह ने 31 जुलाई, 2023 को 50 हजार रिक्त पदों पर और भर्ती की घोषणा कर दी. उनकी घोषणा को करीब दो साल होने को हैं, लेकिन सरकार तमाम प्रयासों के बाद भी सिर्फ 67 हजार पदों पर भर्ती की जा सकी है.

ये भर्तियां राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से की गई थीं. अब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दो लाख पदों पर भर्ती की घोषणा करते हुए युवाओं को जानकारी और प्रशिक्षण देकर आवेदन प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किए की बात कही है. इस तरह आने वाले चार साल में विभागों द्वारा 2 लाख 83 हजार रिक्त पदों पर भर्तियां की जाएंगी. यानी सरकार के सामने हर साल 70 हजार से ज्यादा रिक्त पदों पर भर्ती की चुनौती होगी. जीएडी के अधिकारियों का कहना है कि हर साल 2000 करोड़ का खर्च बढ़ेगा. यदि सरकार हर साल 70 हजार रिक्त पदों पर भर्ती करती है, तो उसे कर्मचारियों को वेतन, भत्तों के भुगतान के लिए बड़ी राशि की व्यवस्था करना होगी.

70 हजार भर्ती पर 2 हजार करोड़ का खर्च

70 हजार कर्मचारियों के वेतन, भत्तों पर सालाना करीब 2000 करोड़ रुपए खर्च होंगे. कर्मचारियों की वरिष्ठता बढने के साथ ही उनके वेतन, भत्तों पर होने वाला खर्च भी बढ़ता जाएगा. वर्तमान में सरकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्तों पर हर महीने 7000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करती है.

स्कूल शिक्षा और जनजाति विभाग में सबसे ज्यादा हुई भर्तियां

स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग में सबसे ज्यादा रिक्त पदों पर भर्ती की गई. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव की रिक्त पदों पर भर्ती की घोषणा के साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए हैं. इस संबंध में जीएडी के उच्च अधिकारियों के बीच चर्चा हुई. जल्द ही जीएडी सभी विभागों से रिक्त पदों की जानकारी संकलित करेगा. इसके बाद नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

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यह है रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया

जानकारी के मुताबिक प्रदेश में सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती मप्र राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से की जाती है. सबसे पहले जीएडी की ओर से विभिन्न विभागों से रिक्त पदों की जानकारी मंगाई जाती है. विभागवार रिक्त पदों के संकलन करने के बाद कानूनी पहलुओं का अध्ययन किया जाता है. इसके बाद एमपीपीएससी और कर्मचारी चयन मंडल को भर्ती का विज्ञापन निकालने के लिए प्रस्ताव भेजे जाते हैं. भर्ती परीक्षा के बाद परिणाम जारी किया जाता है. फिर अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाते हैं.

अब जानिए बेरोजगारी का आलम

प्रदेश में 25 लाख से ज्यादा बेरोजगार पंजीकृत एमपी रोजगार पोर्टल पर कुल 25 लाख 82 हजार 759 आवेदक पंजीकृत हैं. इनमें पुरुष आवेदकों की संख्या 15.90 लाख और महिला आवेदकों की संख्या 9.92 लाख है. भोपाल में 1.12 लाख पुरुष आवेदक और 59 हजार से ज्यादा महिला आवेदक पंजीकृत हैं. यह जानकारी हाल में कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के एक सवाल के लिखित जवाब में कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री गौतम टेटवाल ने विधानसभा में दी थी.
योजना में 9.26 लाख युवा रजिस्टर्ड, प्रशिक्षण सिर्फ 20 हजार को प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में कारगर साबित नही हुई है. मप्र में योजना के अंतर्गत कुल 9.26 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। इनमें से 20 हजार 118 अभ्यर्थी प्रशिक्षणरत हैं. योजना में पंजीकृत संस्थाओं की संख्या 23 हजार 51 है. यह जानकारी कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री गौतम टेटवाल ने विधानसभा में दी थी.

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