Ujjain: एमपी में महिलाएं अब खेती के लिए ड्रोन विमानों का इस्तेमाल करेंगी. इसके लिए नमो ड्रोन की ट्रेनिंग के तहत खेती के लिए काम आने वाले ड्रोन को चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उज्जैन के छोटे से गांव बताना में रहने वाली राधा ने चेन्नई की ड्रोन बनाने वाली कंपनी से ड्रोन को चलाने की ट्रेनिगं ली है. राधा अब किसानों की खेती में मदद करेंगी.
राधा पर केवल माता-पिता ही नहीं बल्कि पूरे गांववासियों को गर्व है. गांव के लोगों का कहना है ”कि राधा ने वह कर दिखाया जो बेटे भी नहीं कर पाते इसीलिए हम सबको राधा पर बड़ा गर्व महसूस हो रहा है.”
10 मिनट में एक एकड़ की फसल पर दवा का छिड़काव
राधा का इस मामले पर कहना है कि ”उन्हें इस बात का पता चला कि किसान अपने खेत पर खेती करने जाते हैं और खेती करने के बाद जब फसल पर दवाई छिड़कते हैं. तब कई बार किसान अज्ञानता में दवाई की मात्रा अधिक डाल देते हैं जिससे फसल पूरी तरह नष्ट हो जाती है या बर्बाद हो जाती है इसलिए मैंने चेन्नई की कंपनी से ड्रोन चलाना सीखा और इसमें किसानों के लिए फायदेमंद चीज इसलिए है कि एक तो पानी की बचत भी होती है. दवाई भी कम मात्रा में उपयोग होती है और मात्र 10 मिनट में ही एक एकड़ की फसल पर दवाई छिड़काव हो जाता है.”
वहीं राधा सिसोदिया ने गांव में अपने खेत पर ड्रोन को कैसे चलाते है कैसे किसान अपनी फसल पर दवाई का उपयोग कर सकते है ये विस्तार न्यूज़ की टीम से साझा किया , राधा ने कहा कि ”लड़कियां अब पूरे देश मे नमो ड्रोन के माध्यन से अलग अलग प्रकार से किसानों की मदद कर सकती है. हमको सिर्फ सपना नही देखना है सपनो को पूरा भी करना है.”
क्या है नमो ड्रोन दीदी योजना?
दरअसल केंद्र सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत अग्रणी ड्रोन निर्माता कंपनी-मारुत ड्रोन्स महिलाओं को एग्री ड्रोन तकनीक से संचालित एग्रीकल्चर ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दे रही है. इस योजना के तहत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव से संबंधित ट्रेनिंग दी जा रही है.