MP News: भोपाल नगर निगम ने जिले में EWS फ्लैट बेचने या किराए पर देने से रोक लगा दी है. हाउसिंग फॉर ऑल (HFA) योजना के तहत बने इन फ्लैट मालिकों के लिए नए नियम लागू होने से विवाद भी शुरू हो गया है. हितग्राहियों ने इस नियम का विरोध किया है. जानिए क्या है पूरा मामला-
जानें पूरा मामला
भोपाल में हाउसिंग फॉर ऑल (HFA) योजना के तहत रिवेरा टाउन प्रोजेक्ट समेत कई जगहों पर EWS फ्लैट का निर्माण किया गया है. ये फ्लैट कुछ झुग्गीवासियों को दिए गए हैं, जबकि कुछ गैर-झुग्गीवासियों के लिए हैं. झुग्गीवासियों को ये फ्लैट मात्र 2 लाख रुपए में दिए गए हैं, जबकि इनकी कीमत करीब 11 लाख रुपए हैं. नगर निगम ने अब इन फ्लैट मालिकों पर फ्लैट बेचने या किराए पर देने से रोक लगा दी है.
क्यों लगाई गई रोक
कई ऐसे मामले सामने आए जब झुग्गीवासी फ्लैट बेचकर या किराए पर देकर वापस झुग्गियों में रहने चले गए. ऐसे में निगम ने यह नियम लागू किया है, जिससे ऐसे लोग फ्लैट बेचकर या किरायए पर देकर वापस झुग्गियों में न चले जाएं.
नए नियम को लेकर विवाद
नगर निगम के इस फैसले को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. हितग्राहियों का कहना है कि उन्होंने 430 वर्ग फीट का फ्लैट 11 लाख रुपए में बिना किसी सरकारी मदद के खरीदा है तो फिर उनके लिए यह नियम क्यों? हितग्राहियों ने यह भी बताया कि योजना के विज्ञापन या 2021 के स्थायी आवंटन पत्र में ऐसी कोई शर्त नहीं थी. यह शर्त अब रजिस्ट्री के समय जोड़ी जा रही है. हितग्राहियों का कहना है कि अगर उन पर यह नियम लागू किया जा रहा है तो फिर उन्हें बाकी लोगों की तरह सरकारी सहायता भी मिलनी चाहिए.
बता दें कि भोपाल विकास प्राधिकरण (BDA) ने भी EWS और LIG फ्लैट की बिक्री पर 15 साल की रोक लगा रखी है. फ्लैट मालिक 15 साल बाद ही अपने फ्लैट को बेच सकते हैं.