MP News: तमिलनाडु के त्रिची से लापता इंदौर की बेटी ओजस्विनी गुप्ता का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है. उसकी तलाश में त्रिची गए उसका भाई और मां भी निराश होकर वापस इंदौर लौट आए है. परिजनों ने उसकी तलाश के लिए इंदौर पुलिस से मदद मांगी है. इंदौर पुलिस भी उसकी तलाश के लिए हर संभव मदद कर रही है. कॉलेज में क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनने के बाद से क्लास के ही छात्र उसे परेशान कर रहे थे, जिससे प्रताड़ित होकर वह 4 पेज का लेटर छोड़कर कही चली गई, परिजनों को उसके साथ कुछ गलत होने की आशंका है.
काबिलियत से बनीं थी क्लास रिप्रेजेंटेटिव
ओजस्विनी गुप्ता ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए कड़ी मेहनत कर अपने सपनो के कॉलेज त्रिची के एनआईटी में एडमिशन लिया था. यहां उसकी काबिलियत को देखकर इंटरव्यू लेकर उसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बनाया गया था, लेकिन ये बात उसकी क्लास के लड़को को नहीं जम रही थी और वह लगातार उसे परेशान कर रहे थे. उसकी क्लास में 100 से अधिक लड़के जबकि महज 18 लड़कियां थी. 15 सितंबर को उसकी गुमशुदगी दर्ज होने के बाद 16 सितंबर को उसकी मां और भाई त्रिचि पहुंच गए थे, कई दिन वहा उसकी तलाश करने के बाद दोनों वापस इंदौर लौट आए है.
अब तक कोई सुराग नहीं
ओजस्विनी का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है, उसका मोबाइल भी उसी दिन से बंद है. उसके 4 पेज के लेटर में उसने अपनी सभी समस्याएं भी लिखी है. त्रिचि पुलिस द्वारा अब तक उसकी तलाश नहीं करने से दुखी परिजन सोमवार को पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करने पहुंचे थे. ओजस्विनी के पिता नूतेष गुप्ता का कहना है कि उन्हे डर है कि बेटी के साथ कुछ गलत नहीं हो गया हो, वह अपने किसी भी दोस्त को कुछ भी बताकर नही गई है.
त्रिचि के एसपी और डीआईजी से की जा रही बात
परिजनों की परेशानी देखते हुए इंदौर पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता ने त्रिचि के एसपी और डीआईजी से चर्चा कर ओजस्विनी की तलाश करने को लेकर बात की है. कमिश्नर राकेश गुप्ता ने उसके जल्द ही मिलने की उम्मीद जताई है.
CCTV फुटेज में सिटी को जाती हुई दिखाई दे रही है
अपने लेटर में ओजस्विनी ने सभी के लिए बात लिखी है, लेकिन उन लोगो का नाम नहीं लिया जो उसे प्रताड़ित कर रहे थे. सीसीटीवी फुटेज में वह बस में बैठकर सिटी की ओर जाती नजर आई है, लेकिन कहा गई है, यह किसी को नही पता. कैंपस से निकलते ही उसने मोबाइल बंद कर लिया, इस वजह से उसकी लोकेशन भी किसी को पता नहीं चल रही है.