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MP News: अब मंत्री से लेकर IAS-IPS तक सभी एक-एक स्कूल लेंगे गोद, बच्चों को मिलेगी मुफ्त में किताब और स्टेशनरी

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अब मंत्री से लेकर IAS-IPS तक सभी एक-एक स्कूल लेंगे गोद

MP News: प्रदेश के सरकारी स्कूलों की सेहत सुधारने के लिए इस बार स्कूल शिक्षा विभाग ने नया प्रयोग शुरू किया है. अब मंत्री से लेकर आईएएस- आईपीएस अफसर एक-एक स्कूल गोद लेंगे. स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने विभाग के अधिकारियों को इसकी तैयारी करने के दिशा-निर्देश दे दिए हैं. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त होने के बाद 18 जून से शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा है. 18 से 20 जून तक तीन दिनी विशेष गतिविधियां आयोजित की जाएगी.

इसके साथ अब मंत्री, विधायक, सांसद, आईएएस, आईपीएस समेत अन्य अधिकारी एक-एक स्कूल गोद लेंगे. गोद लिए स्कूलों में मंत्री, विधायक या अफसर बार-बार या महीने में कम से कम एक बार जाएंगे. विभाग का मानना है ऐसा करने से शासकीय स्कूलों की सेहत में सुधार आएगा. स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने स्कूलों को गोद लेने की प्रक्रिया शुरू करने के दिशा- निर्देश अधिकारियों दे दिए हैं.

ऐसे चलेगा प्रवेशोत्सव कार्यक्रम

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल चलें हम अभियान के अंतर्गत प्रवेशोत्सव कार्यक्रम 18, 19 एवं 20 जून को होगा. अभियान के अंतर्गत 18 जून को सांसद व विधायक किसी एक शाला में सहभागिता करेंगे. शाला स्तर पर आयोजित स्कूल चलें हम अभियान कार्यक्रम में शाला के पूर्व विद्यार्थियों एवं जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा. सभी पात्र विद्यालयों में विशेष भोजन का वितरण किया जाएगा.राज्य शासन की ओर से अभिभावकों को संबोधित पत्र का वितरण किया जाएगा. कक्षा के आधार पर उपयोगी स्टेशनरी सामग्री की अभिभावकों को जानकारी दी जाएगी एवं पुस्तकों का मुफ्त वितरण किया जाएगा.

स्कूलों में जाकर पढ़ाएंगे अधिकारी

प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में जिलों में पदस्थ प्रथम और द्वितीय श्रेणी के अफसरों को स्कूलों में जाकर एक पीरियड भी लेना होगा. इस दौरान ये अधिकारी बच्चों को अध्यापन के तरीकों के बारे में बताएंगे. कलेक्टरों की जिम्मेदारी होगी कि ऐसे अधिकारियों की शाला वार ड्यूटी लगाएं और इसका फीडबैक भी लें. स्कूल शिक्षा विभाग ने ये निर्देश 18 जून से शुरू होने वाले स्कूल चलें हम अभियान को लेकर जारी किए हैं.

बच्चों के साथ अभिभावकों से भी करेंगे टीचर चर्चा

विभाग द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि गांवों एवं बसाहट के ऐसे बच्चों को चिन्हित करने का काम किया जाएगा. जिनके नाम विद्यालय में नहीं लिखे हैं. इनके नाम लिखने के बाद उनके अभिभावकों का विद्यालय आने पर स्वागत किया जाए। 19 जून को सभी शालाओं में अभिभावकों के साथ शालेय गतिविधियों पर चर्चा होगी. जिसमें कक्षावार विषय, शैक्षणिक कैलेण्डर, अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया, अभिभावक – शिक्षक बैठकों, सह शैक्षणिक गतिविधियों, शाला में उपलब्ध सुविधाओं आदि की जानकारी दी जाएगी.

प्रसिद्ध और प्रबुद्ध जन भी प्रेरक की भूमिका में होंगे शामिल

20 जून को जनप्रतिनिधियों, समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध प्रभावशाली, प्रबुद्ध एवं सम्मानित व्यक्तियों को एक प्रेरक की भूमिका में विद्यार्थियों से चर्चा के लिए बुलाया जाएगा. स्कूलों में विद्यार्थियों से भेंट के लिए अन्य इच्छुक व्यक्तियों को चयन की ऑनलाईन सुविधा लिंक के द्वारा उपलब्ध रहेगी. इच्छुक व्यक्ति किसी एक शाला का चयन कर स्थानीय स्तर पर शामिल हो सकते हैं. बाहर से आने वाले व्यक्ति इस दौरान विद्यार्थियों को विद्यालय के लिए उपयोगी वस्तुएं भेंट कर सकेंगे.

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मैं भी एक स्कूल को लूंगा गोद – राव

मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का कहना है कि मैं स्वयं भी एक स्कूल तय करूंगा. पीएस भी एक स्कूल गोद लेंगी. जिले के कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, डीईओ, जनप्रतिनिधि समेत अन्य अधिकारी एक-एक स्कूल लेंगे और उसमें बार-बार जाया करेंगे. बार-बार नहीं, तो कम से कम महीने में एक बार जाएंगे. ऐसा करके हजारों की संख्या में लोग सीधे जुड़ेंगे. जब कोई अनुभवी व्यक्ति जाता है या सिस्टम से हटकर कोई व्यक्ति जुड़ता है, तो बच्चों के मन में चार्म रहता है कि हमारे बीच वो आते है. शिक्षकों की लगेगा कि मॉनिटरिंग हो रही है या कोई हमें सहयोग कर रहा है. इसकी हमने कल्पना की है, इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे.

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