Kenra Bank Scam: मध्य प्रदेश में नरसिंहपुर के गोटेगांव में बैंक कर्मियों ने मिलकर बैंक को ही चूना लगा दिया. बैंक कर्मियों ने फर्जी फॉर्म बनाकर लोन दिया और रकम को परिवार के खातों में जमा कर दी. खास बात है कि यह पूरा कारनामा कोरोना के वक्त ही बैंक कर्मियों ने किया. बैंक के अधिकारियों ने ऑडिट के दौरान गड़बड़ी को पकड़ा और चार बैंक कर्मियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज कर दी. बैंक की शिकायत के आधार पर ईओडब्ल्यू ने धोखाधड़ी का मामला बैंक कर्मियों के खिलाफ दर्ज कर लिया है.
आर्थिक अपराध के मामले में सुनील कुमार दुबे मनिराज पटेल, गिरीश कुंभारे, राहुल लोखरे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि साल 2020-21 के दरमियान केनरा बैंक की गोटेगांव शाखा जिला नरसिंहपुर में 297 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर अवैध रूप से पैसे कमाने का मामला सामने आया. इस पूरे मामले की जांच करते हुए केनरा बैंक के मौजूदा मैनेजर से पूछताछ के दौरान खुलता हुआ कि बैंक के अधिकारियों कर्मचारियों ने मिलकर फर्जी तरीके से लोन दिया. इसके अलावा क्रेडिट अनियमितताएं, गड़बड़ी कर्मचारियों की खातों और रिश्तेदारों में पाई गई. रिपोर्ट में यह भी पाया गया है कि कर्मचारियों ने रिश्तेदार और ग्राहकों के बीच कई नगद लेनदेन किया फंड भी ट्रांसफर किया लेकिन इन सब में बैंक को भी गुमराह किया. सही जानकारी बैंक तक लेनदेन से जुड़ी हुई नहीं दी गई.
ऐसे पकड़ में आई बैंक कर्मियों की चोरी
अधिकारियों ने बताया कि NEFT और DD के बजाय लोन की राशि सीधे बचत खातों में ट्रांसफर की जाती थी. जांच के दौरान एक मामले में पाया गया कि जिस फार्म को लोन दिया गया था उसने राशि को लौटा दिया लेकिन जीएसटी नंबर अमान्य पाया गया. पड़ताल करने पर पता चला कि ऐसी कोई भी फॉर्म नहीं है. अन्य बैंकों से भी पता चला कि कंपनी कई फर्जी गतिविधियों में शामिल है. इसके अलावा उन संस्थाओं को लोन दिया गया जो सिर्फ कागजों तक ही सीमित थे. बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी ने सभी रिपोर्ट की जांच के बाद चार कर्मचारियों की शिकायत ईओडब्ल्यू में दर्ज कराई.
धोखाधड़ी, जालसाजी और फाइनेंशियल फ्रॉड किया
बैंक ने मामला दर्ज करने के साथ ही कई गंभीर आरोप आपने कर्मचारियों पर लगाए हैं. धोखाधड़ी, जालसाजी के साथ फाइनेंशियल फ्रॉड करने की भी कोशिश कर्मचारियों ने की है. उन्होंने 2.97 करोड रुपए का फाइनेंशियल फ्रॉड किया है. इसके अलावा बैंक के पैसों को डायवर्सन भी किया है. बैंक कर्मियों के अलावा उनके रिश्तेदार ग्राहकों के खातों में बहुत सी अनियमिताएं हुई हैं. शिकायत के साथ-साथ जांच भी बैंक की तरफ से जो की गई. उसे भी बैंक की ओर से सौंप दिया गया है.