सौरभ साहू-
MP News: पन्ना जिले में बच्चों से मजदूरी करवाई जा रही है. यहां पन्ना-कटनी रोड स्टेट हाईवे में जीवीआर कंपनी द्वारा बच्चों से काम कराया जा रहा है. इतना ही नहीं नाबालिग बच्चों से की सुरक्षा का भी ख्याल नहीं जा रहा. यहां बिना सेफ्टी किट के अधिक श्रम और खतरनाक काम करवाया जा रहा है. विस्तार न्यूज ने ग्राउंड में पहुंच कर नाबालिगों से बातचीत की तो पता चला की बच्चों की उम्र 12 से 15 साल के बीच है.
जीवीआर के द्वारा किया जा रहा काम
जानकारी के मुताबिक एमपीआरडीसी की इस सड़क के मेंटेनेंस का काम जीवीआर कंपनी के द्वारा करवाया जा रहा है, कंपनी का टोल प्लाजा अमझिरिया के पास स्थापित है. जहां रोड के मेंटेनेंस में 12 से 15 साल तक के बच्चों को बिना सेफ्टी किट के हाथों से तारकोल बिछाते हुए देखा जा रहा है. ऐसा इन बच्चों के सेहत के लिए कितना खतरनाक हो सकता है यह किसी से छिपा नहीं है. इसके बावजूद कंपनी के द्वारा बच्चों की सुरक्षा और सेहत को नजरअंदाज किया जा रहा है. वहीं कंपनी की तरफ से टोल नाके में एक सूचना भी लिखी गई है की ‘यहां टोल में कोई बाल श्रमिक नहीं है’ जबकि मौके पर कुछ अलग ही नजारा दिखा.
ये भी पढ़ें: कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के मकान में चोरी, अलमारी से कैश लेकर चोर फरार, CBI दफ्तर के बगल में है बंगला
इतना ही नहीं इसके अलावा पन्ना जिले में श्रम विभाग, शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन के द्वारा भी इन बच्चों के वर्तमान और भविष्य को नजर अंदाज किया जा रहा है. इस मामले में श्रम विभाग शिक्षा विभाग एवं अन्य अधिकारियों से चर्चा की गई लेकिन किसी के भी द्वारा गंभीरता से नहीं लिया गया.
पूरी प्रशासनिक व्यवस्था चरमराई है- राजेश दीक्षित (एडवोकेट)
वहीं इस पूरे मामले पर एडवोकेट राजेश दीक्षित का कहना है कि जिले की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था चरमराई हुई है. यहां पन्ना कलेक्टर सुरेश कुमार महा भ्रष्ट है. जिसके कारण पूरा पन्ना मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचारा में टॉप पर हॉइ और बदनाम है. आगे दीक्षित ने कहा कि बच्चे जिनके खेलने कूदने के दिन है और जिन्हें स्कूल जाना चाहिए था वही बच्चे बाल मजदूरी कर रहे हैं, उनसे जी तोड़ काम कराया जा रहा है. उनकी जगह यहां नहीं स्कूल में होनी चाहिये पर नहीं वह यहां सड़कों पर मेहनत कर रहे हैं. नाबलिगों से काम कराने को लेकर दीक्षित का कहना था कि रोड पर क्या कहीं भी 14 साल से नीचे बच्चों और नाबालिगों को कम करना ही नहीं चाहिए. जिन मजदूरों से काम करना चाहिए उन्हें सेफ्टी जैकेट, शूज, इंस्ट्रूमेंट का उपयोग कर काम करना/कराना चाहिए.
नाबालिगों की सेहत से हो रहा खिलवाड़
जब इस मामले में फोन पर पन्ना एसडीएम संजय नागवंशी से बात की गई तो उन्हीने नज़रंदाज़ कर दिया और मामले को गंभीरता से नहीं लिया. उन्होंने कहा कि कार्रवाई की जाएगी. शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार के मामले में जिले में मासूमों के वर्तमान भविष्य और सेहत के साथ किस प्रकार खिलवाड़ किया जा रहा है यह स्टेट हाईवे की सड़कों में खुलेआम देखा जा रहा है. देश में बाल श्रम निषेध कानून लागू है. शासन प्रशासन के द्वारा बाल श्रम रोकथाम संबंधी कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, लेकिन इस प्रकार सड़कों में बिना सेफ्टी शूज बिना ग्लव्स और बिना हेलमेट के काम करने वाले बच्चों को अधिकारी और जनप्रतिनिधि अनदेखा कर रहे हैं. यहां पर बाल सुरक्षा अधिनियम को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए और कार्यवाही की जाये .