PM House Fraud: प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना लापरवाही की भेंट चढ़ रही है. राजधानी भोपाल में लगातार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाए जा रहे घरों में घटिया मटेरियल से निर्माण किया जा रहा था. जिसका खुलासा निरीक्षण के दौरान हुआ.
नगर निगम कमिश्नर ने किया खुलासा
पूरे मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया. दरअसल कमिश्नर 12 नंबर स्कीम के MIG ब्लॉक प्रोजेक्ट का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे. तभी उन्होंने जूते से फ़िनिशिंग वर्क पर टक्कर मारी, जिसके बाद वहां लगी टाइल्स नीचे टूट कर गिरने लगी. इसके बाद कमिश्नर ने इंजीनियर को फ़िनिशिंग तोड़कर असलियत दिखाई. साथ ही एसई संतोष गुप्ता को मौक़े पर ही जमकर फटकार भी लगाई. कमिश्नर ने चेतावनी देते हुए कहा कि 20 जून से पहले फ़िनिशिंग वर्क पूरा करें
यह है “प्रधानमंत्री आवास योजना”
प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत भारत सरकार ने 25 जून 2015 को की थी, इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और निचले वर्ग के लोगों को स्थायी आवास प्रदान करना है. शुरुआत में 1985 में यह योजना “इंद्र आवास योजना” के नाम से शुरू हुई. बाद इस योजना को 2015 में “प्रधानमंत्री आवास योजना” में बदल दिया गया. इस योजना के अंतर्गत, गरीबों को मैदानी और समतल क्षेत्रों में 120,000 रुपये और पहाड़ी और कठिन क्षेत्रों में 130,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. इसका लक्ष्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों को समर्थन प्रदान करना है ताकि वे अपने लिए एक सुरक्षित और स्थायी आवास पा सकें. प्रधानमंत्री आवास योजना 2024 के अंतर्गत, 1.22 करोड़ नए घरों के निर्माण को मंजूरी दी गई है और लाभार्थियों को इसका लाभ 31 दिसंबर 2024 तक मिलेगा.